परिवहन विभाग के मुताबिक बीसीएलएल की अनेक बसें 6 से 7 साल पुरानी हो चुकी हैं जबकि बड़ी संख्या में बसें कंडम होकर डिपो में खड़ी हुई हैं। इन बसों पर भी टैक्स की राशि लंबित है और प्रतिवर्ष बढ़ रही है इसलिए इन बसों का एकमुश्त टैक्स जमा करने 90 प्रतिशत राशि की छूट दी जा सकती है।
इन इलाकों तक फेरे चालू करने की तैयारी
राजधानी के बड़झिरी, हिनौतिया, रातीबढ़, फंदा, परवलिया सड़क, सूखीसेवनिया, ईंटखेड़ी, आचारपुरा, नयापुरा समेत अन्य रूट पर लो फ्लोर बसें नहीं चलती हैं। रहवासी इलाकों के साथ ही बड़ी संख्या में इन रूटों पर कई स्कूल और कॉलेज हैं। सिटी बसों को परमिट के अनुसार 30 रुपए प्रति सीट टैक्स देना होता है। इसके दायरे से बाहर होते ही प्रति सीट 180 रुपए किराया हो जाता है। इसी कारण बीसीएलएल के तीनों बस ऑपरेटर इस रूट पर बसें नहीं चला रहे हैं।
अभी किस दर से निकाला गया बकाया
परिवहन विभाग ने नोटिस में साफ किया है कि सिटी परमिट पर चलने वाली बसों के लिए 200 रुपए प्रति सीट की दर से टैक्स वसूला जाता है। 52 सीटर लो फ्लोर पर ये राशि 10 हजार 400 रुपए राशि बनती है। इसी प्रकार सिटी परमिट के लिए इन वाहनों पर 90 रुपए प्रति सीट शुल्क लिया जाता है। 52 सीटर लो फ्लोर बस पर ये राशि 4 हजार 680 रुपए प्रति बस बनती है। परिवहन विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक बीते चार साल से बसों का टैक्स बकाया चल रहा है।
फैक्ट फाइल
225 बीसीएलएल के पास कुल लो फ्लोर बसें
40 बस वर्ष 2015 से 2017 के बीच कंडम
25 बसें वर्ष 2017 से अब तक कंडम
160 बसें तीनों बस ऑपरेटरों के पास कुल
बीसीएलएल के बस ऑपरेटरों पर बकाया टैक्स नोटिस जारी किए गए हैं। बकाया विवाद समाप्त होने पर ही नए परमिट जारी किए जाएंगे।
संजय तिवारी, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी