scriptतीन पीढिय़ों से चल रहा खुशबू का सफर, गर्मियों में बढ़ जाती है मांग | Traveling from three generations to fragrance | Patrika News
भोपाल

तीन पीढिय़ों से चल रहा खुशबू का सफर, गर्मियों में बढ़ जाती है मांग

– करीब सौ सालों से इत्र का कारोबार, 100 रुपए से लेकर 20 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम हैं दाम

भोपालApr 28, 2019 / 08:38 am

शकील खान

perfume business

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भोपाल। गर्मी बढऩे के साथ ही खुशबुओं का कारोबार भी बढ़ जाता है। डियो और परफ्यूम के इस दौर में इत्र की मांग भी खूब रहती है। कहने को तो 60 से अधिक दुकानें शहर में हैं लेकिन कुछ ऐसी हैं जिनकी तीन पीढिय़ां इत्र की महक को फैलाने में गुजर गईं। इनके मुताबिक 100 रुपए से लेकर 20 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम तक इत्र मुहैया हैं। इसमें दिलचस्पी रखने वाले शहर में आज भी हैं।
कन्नौज इत्र बनाने और देश दुनिया में सप्लाई का केन्द्र हैं। 1930 में हाजी इनायत अली यहां से भोपाल आए। इनके बाद इनके पुत्र हाजी मोहम्मद युनूस ने 1946 से 2017 तक इत्र का काम किया। इसमें कई प्रयोग भी इनके जरिए किए गए। इनकी महक ही अलग है। इब्राहिमपुरा में इस काम से जुड़े हाजी रफीक अहमद ने बताया कि तीसरी पीढ़ी है जो इस विरासत को आगे बढ़ा रही है। वर्तमान में इत्र की कई वैराइटी हैं। इसके चाहने वाले भी बहुत हैं। तीन पीढिय़ां इसी काम में जुटी रहीं। ऐसे में कई नई खुशबुओं को भी तैयार किया।
इसके अलावा शहर में चौक जैन मंदिर के पास इत्र की सबसे पुरानी दुकान थी। जो कि अब बंद हो गई। ये भी करीब सौ साल पुरानी थी। जुमेराती में दो दुकानें पचास साल से ज्यादा पुरानी हैं। इनमें से एक के सलीम ने बताया उनके पिता ने काम शुरू किया था। अब वे इसे संभाल रहे हैं।
गर्मियों में बढ़ जाती है मांग

इत्र की मांग गर्मियों में बढ़ जाती है। वहीं अगले माह से रमजान का महीना भी शुरू हो रहा है। खास इत्रों में से इत्र सेहरा जड़ी बूटी से बनता है। गर्मी के हिसाब रूहे गुलाब, रूहे खस, इत्र फौजिया हैं। सबसे महंगे बिकने वालों में इत्र देहने ऊद 12 हजार रुपए प्रति दस ग्राम है वहीं इत्र बखूर 14 से 18 हजार रुपए प्रति दस 10 ग्राम है। हाजी रफीक के मुताबिक शहर में इत्र का कारोबार करीब दो करोड़ रुपए का है।
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