पेड़ों पर लोहे की कीलों को ठोक कर लगाए जा रहे बोर्ड
प्रचार प्रसार करने के फेर में हरे भरे पेड़ों की बलि चढ़ सकती है। इन्हें विज्ञापन बोर्ड की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। शहर में सड़क किनारे लगे पेड़ों पर लोहे की कीलों को ठोक उन पर बोर्ड लगाए जा रहे हैं। इससे इन पेड़ों के सूखने का खतरा उत्पन्न हो गया है। नियमों के तहत ये गलत होने के बाद भी जिम्मेदार कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। ऐसे में प्रचार के लिए इनका इस्तेमाल बढ़ रहा है। शहर में कुछ स्थानों पर तो सड़क किनारे लगे पेड़ इसी के चलते सूख चुके हैं। इसके बाद भी इस ओर किसी ने अब तक ध्यान नहीं दिया।
सड़क चौड़ीकरण में खत्म हो गए आधे पेड़
शहर की मुख्य सड़कों के चौड़ीकरण ने वर्षों पुराने कई पेड़ों की बलि ले ली। बाधा बन रहे पेड़ों काट दिया गया। इनमें सबसे ज्यादा होशंगाबाद रोड पर काटे गए। इसके बाद बैरागढ़, अरेरा पहाड़ी पर भी पेड़ों की कटाई हुई।
उठाई जा चुकी है आपत्ति, नहीं हुई कार्रवाई
हरे भरे पेड़ पौधों पर इसे अत्याचार बताते हुए आपत्ति उठाई जा चुकी है। मामले में एनजीटी में भी शिकायत की गई थी। सिटीजन फोरम के मोहम्मद आफाक ने बताया कि इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। इससे शहर की हरियाली खत्म हो सकती है।