उल्लेखनीय है कि कलियासोत डैम क्षेत्र में काफी पुराना श्री विश्वनाथ शिव मंदिर स्थित है। अष्टकोणीय इस शिवालय का वास्तु दुर्लभ माना जाता है। टापू पर स्थित इस शिवालय के आसपास रक्त चंदन, काष्ठ चंदन, श्वेत चंदन, कदंब, पारस पीपल, बेल, नीम, मीठा नीम, बरगद, खैर, शमी, इमली, लाल कनेर, पीली कनेर समेत कई प्रजातियों के पेड़-पौधे लगाए गए हैं।
यहां पर्यटन विकास निगम ने 15 लाख रुपए से अधिक की धनराशि खर्च कर सौंदर्यीकरण भी कराया है। श्रद्धालुओं के अलावा सीपीए ने भी यहां पौधरोपण कराया है। महंत सुनील सिंह का कहना है कि यहां सीपीए द्वारा 15 दिन में पेड़-पौधों में पानी डालने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन नियत समय पर पानी नहीं डाला जा रहा है। जनवरी माह में एक बार भी पानी नहीं डाला गया।
इस वर्ष बारिश कम होने के कारण बांध सिमटकर पानी काफी दूर तक चल गया है, जहां से पानी लाकर पेड़-पौधों में पानी देना संभव नहीं है। हैंडपम्प का पानी भी उतर चुका है। ऐसे में श्रद्धालुओं के लिए पानी की व्यवस्था टैंकर द्वारा जैसे-तैसे की जा रही है। यदि यहां पानी की सही व्यवस्था हो जाए तो गर्मियों में शहर से सटा यह स्थल लोगों के लिए बहुत सुकून भरा होगा।