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भोपाल

सरकार के खजाने पर पहला हक जनजातियों का : मुख्यमंत्री

शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और अधिकारों की रक्षा के संकल्पित प्रयास

भोपालSep 19, 2021 / 08:08 pm

जीतेन्द्र चौरसिया

CM Shivraj Singh Chouhan Statement

CM Shivraj Singh Chouhan Statement

भोपाल . मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश का विकास तभी संभव है, जब प्रदेश के जनजातीय भाई-बहन समाज की मुख्य-धारा से जुड़ें। प्रदेश सरकार जनजातियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका विकास और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिये कमर कस चुकी है। सरकार के खजाने पर पहला हक जनजातियों का है और हम उनके लिए धन और अवसर दोनों के खजाने खोलने के लिए कृत-संकल्पित हैं।
बजट में 948 प्रतिशत की वृद्धि

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जनजातीय वर्ग के समग्र विकास के लिए बजट में लगातार वृद्धि की गई है। वर्ष 2003-04 में जनजातीय कार्य विभाग का बजट 746.60 करोड़ था, जिसे वर्ष 2020-21 में बढ़ाकर 8085.99 करोड़ तक लाया गया है। इस प्रकार इस वर्ग के बजट में 948 प्रतिशत की वृद्धि की गई।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में देश की सर्वाधिक जनजातीय आबादी है। यहाँ कुल जनसंख्या का पाँचवा हिस्सा जनजातियों का है। जनजाति भाई-बहनों के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के लिए शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक तथा रोजगार संबंधी योजनाएँ चलाई जा रही हैं।
जनजातीय शिक्षा में हम क्रांति लाएंगे

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जनजातीय शिक्षा में हम क्रांति लाएंगे और प्रधानमंत्री जी द्वारा दी गई नई शिक्षा नीति का लाभ जनजातीय बच्चों और युवाओं को दिलाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। हमने तय किया है कि 8वीं और 9वीं कक्षा से ही मेरे भांजे-भांजियों को नीट और जेईई के फाउंडेशन को सुधारने स्मार्ट क्लास की ऑनलाइन व्यवस्था की जाएगी। हम पाठयक्रम को भी आज की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाएंगे। कौशल विकास से आर्थिक उन्नति के उद्देश्य से प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम 4 लोगों को ग्रामीण इंजीनियर के रूप में कृषि उपकरण कौशल, आईटी सर्विसेस, भवन निर्माण संबंधित कौशल, जैविक खेती जैसे विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रदेश भर में आश्रम, छात्रावास, शालाएँ, कन्या शिक्षा परिसर संचालित किए जा रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रशिक्षण के लिए आकांक्षा और सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना संचालित है। स्व-रोजगार योजनाओं में आरक्षण के साथ ही कौशल विकास के लिए केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं।
विशेष पिछड़ी जनजातियों पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों के शैक्षणिक विकास के लिए एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, गरूकुलम विद्यालय, विशेष पिछड़ी जनजाति आवासीय विद्यालयों के साथ न्यूनतम साक्षरता वाले कन्या परिसरों का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश की 3 विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया और सहरिया के विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने के लिए गुना, जबलपुर और श्योपुर में आवासीय विद्यालय संचालित हैं। विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों की महिला मुखिया को कुपोषण से बचाने के लिए प्रति माह एक हजार रूपये का आहार अनुदान भी दिया जा रहा है। जनजातीय विद्यार्थियों के लिए यूपीएससी कोचिंग है। इसमें प्रति विद्यार्थी अधिकतम 4 लाख 40 हजार रूपये की राशि 18 माह के लिए दी जा रही है। जनजातीय विद्यार्थियों को विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के लिए भी सरकार द्वारा छात्रवृत्ति दी जाती है। अलग-अलग जिलों में बालक-बालिकाओं के लिए 8 क्रीडा परिसर भी बनाए गए हैं।
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