बताया जा रहा है कि राजधानी निवासी साहिल चावला ने आरोप लगाए है कि नरेंद्र वत्स, दिनेश और शरद नामक तीन युवकों से कुछ समय पहले उसकी पहचान हुई थी। इस दौरान तीनों युवकों ने साहिल को रेल्वे कैंटीन का ठेका दिलवाने की बात कही। युवकों के झांसे में आकर साहिल ने उन्हें कैंटीन के ठेके के एवज में करीब एक लाख नब्बे हजार रूपये दे दिए। लेकिन जब युवकों द्वारा साहिल से बात करना कम कर दी गई। तो उसे अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला।
शुक्रवार सुबह साहिल ने बैरागढ़ थाने पहुंचकर पुलिस को मामले से अवगत कराया। सूचना मिलते ही पुलिस ने मामले की तफतीश शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि आरोपी अब तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है।
बढ़ रही धोखा धड़ी की वारदातें
इस वर्ष करीब छ: माह के अपराध के आकड़े देखे जाएं। तो सबसे ज्यादा धोखाधड़ी, ठगी के मामले साइबर थाने में दर्ज हुए है। साथ ही हाई सिक्योरिटी जोन कहा जाने वाला एमपी नगर भी अपराधों के आकड़ों में टॉप पर है। यह प्रतिमाह दर्ज होने वाले मामलों में करीब तीन से चार मामले धोखाधड़ी के दर्ज हो रहे है।
आखिर कहां बन रहे फर्जी सील और स्टॉम्प
शहर में आए दिन युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के नाम पर आरोपी मोटी रकम ऐंठ रहे है। यह आरोपी इस कदर शातिर है कि युवाओं को शासकीय विभाग का हूबहू नियुक्ति पत्र उपलब्ध करवा रहे है। जिसमें यह विभिन्न शासकीय कार्यालयों के नाम अंकित की हुई फर्जी सील और स्टॉम्प का इस्तेमाल कर रहे है।