मुख्यमंत्री शनिवार को उज्जैन में महाकाल के दर्शन के बाद जनआशीर्वाद यात्रा शुरू करेंगे। इसी दिन पुरी में जगन्नाथ यात्रा निकलने जा रही है, इसलिए भाजपा ने यह दिन चुना है। रथों की पूजा के दौरान मुख्यमंत्री, उनकी पत्नी साधना ङ्क्षसह चौहान, पार्टी अध्यक्ष राकेश ङ्क्षसह आदि ेमौजूद रहे।
यह पड़ाव है, मंजिल नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार की योजनाओं ने जनता की जिंदगी बदली है, लेकिन अभी यह पड़ाव है, मंजिल नहीं। किए गए कामों के आधार पर पार्टी ने मुझे फिर जनआशीर्वाद यात्रा का आदेश दिया है। उन्होंने कहा, कांग्रेस अगर प्रदेश की चिंता करती तो यह बीमारू राज्य नहीं बनता।
शाह भी होंगे यात्रा में शामिल
यात्रा में शामिल होने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शनिवार को दोपहर एक बजे इंदौर एयरपोर्ट पहुंचेंगे, वहां से हेलीकाप्टर से उज्जैन पहुंचकर 1.30 बजे महाकाल मंदिर में दर्शन करेंगे। 2.25 बजे नानाखेड़ा स्टेडियम में जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद वे जनआशीर्वाद यात्रा में शामिल होंगे।
वे शाम 5.30 बजे इंदौर रवाना होंगे। यहां पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के निवास पर पहुंचेंगे। शाह रात आठ बजे नई दिल्ली रवाना होंगे।
कमलनाथ ने महाकाल को लिखी चिट्ठी
कांगे्रस अध्यक्ष कमलनाथ ने भगवान महाकाल को लिखा है। इसमें लिखा है कि प्रदेश को शिवराज सरकार के कुशासन से मुक्ति दिलाओ। शिवराज ने पांच साल पहले उज्जैन से जनआशीर्वाद यात्रा निकालकर बड़े-बड़े वादे और दावे किए थे। अब हिसाब देने का समय है, लेकिन वे वे फिर रथ पर सवार होकर आशीर्वाद मांग रहे हैं।
कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने यह पत्र महाकाल के चरणों में अर्पित किया। उधर, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी और प्रवक्ता मानक अग्रवाल ने कहा कि समझ नहीं आ रहा कि मुख्यमंत्री आशीर्वाद देने जा रहे हैं या आशीर्वाद लेने।
हमारी संस्कृति में यदि किसी को आशीर्वाद लेना होता है तो वह झुककर आता है। यहां तो उल्टा ही हो रहा है। कांग्रेस ने एेलान किया कि १८ जुलाई से जन जागरण अभियान के तहत यात्रा निकालेंगे।