भोपाल/ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में अवैध उत्खनन को लेकर राजनीति गर्मा गई है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव (Gopal Bhargava) ने मुख्यमंत्री कमल नाथ (CM Kamal Nath) को पत्र लिखकर अल्टीमेटम दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि प्रदेश में अवैध उत्खनन पर रोक नहीं लगी तो वे मुख्यमंत्री आवास के बाहर अनशन पर बैठ जाएंगे और यह अनशन तब तक जारी रहेगा, जब तक कि अवैध उत्खनन पर रोक नहीं लग जाती। उन्होंने कहा कि हर दिन 100 करोड़ रुपए की राशि अवैध रेत खनन से कमाई जा रही है।
भाजपा नेता गोपाल भार्गव ने अपने पत्र में यह स्पष्ट नहीं किया है कि वे यह अनशन कब शुरू करेंगे। जबकि उनके पत्र में सरकार के ही मंत्री डा. गोविंद सिंह के उस बयान का भी जिक्र किया गया है, जिसमें उन्होंने अपनी ही सरकार के कामकाज पर सवाल उठा दिए थे।
कमलनाथ सरकार पर निशाना
भार्गव ने अपने पत्र में लिखा है कि अवैध उत्खनन के संबंध में मंत्री गोविंद सिंह ने जो पीड़ा जाहिर की है, वे उनकी अंतरात्मा की आवाज है, जबकि उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि खनन माफिया, अपराधी और गुंडे राजनीति पर हावी हो रहे हैं। इन हालातों को देखते हुए प्रदेश के हित में तुरंत अवैध उत्खनन पर फैसला लिया जाना जरूरी हो गया है। इसके बाद गोपाल भार्गव ने अल्टीमेटम दिया कि यदि अवैध उत्खनन को लेकर कार्रवाई नहीं हुई तो विरोध और तेज किया जाएगा।
और क्या लिखा पत्र में
-प्रदेश की खनिज संपदा विशेषकर नदियो से निकलने वाली रेत अब सोना बन चुकी है। इस अवैध रेत उत्खनन में रसूखदार नेता, पुलिस व प्रशासन, खनिज विभाग समेत जिलों के कलेक्टर, एसपी और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
-गोपाल भार्गव ने आरोप लगाया है कि प्रतिदिन लगभग एक अरब (100 करोड़) रुपए की राशि रेत के अवैध उत्खनन से कमाई जा रही है, जिसमें नीचे से लेकर ऊपर तक सभी लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। जैसा आपके वरिष्ठ मंत्री ने अपनी पीड़ा में व्यक्त किया है।
-पिछले विधानसभा सत्र में मेरे द्वारा किए गए एक प्रश्न के उत्तर में शासन ने यह स्वीकार किया है कि भोपाल, इंदौर जैसे शहरों में हजारों डंपरों के माध्यम से अवैध रेत बिक्री के लिए आ रही है।
-शासन और प्रशासन ने प्रदेश के 52 जिलों में पिछले छह माह में हुई कार्यवाही में मात्र 3 करोड़ रुपए की वसूली की गई।
-कम से कम जुर्माने की राशि एक हजार गुना अधिक होकर, तीन हजार करोड़ रुपए होनी थी।