मोबाइल बंद किया, बस में सवार होकर गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि नकदी-जेवर पार करने के बाद उन्होंने सबसे पहले मोबाइल फोन बंद किए। इसके बाद बस में सवार होकर सागर के लिए रवाना हो गए। वह घर पहुंचते इससे पहले उन्हें पुलिस के पीछा करने की भनक लग गई। ऐसे में दोनों बण्डा में ही इधर-उधर भटकते रहे।
केस लडऩे में हो गया था कर्ज सोनू ने पुलिस को बताया कि हत्या के आरोप का केस लडऩे में उसकी काफी रकम खर्च हुई है। उसका भाई इसी मामले में फरार है। केस का खर्च व भाई को बचाने के लिए उसने शराब कारोबारी के मकान से नकदी-जेवर चोरी करने की चाचा के साथ साजिश रची। उसका चाचा भगवान सिंह पहले से ही मयंक के यहां नौकरी करता था।
पुलिस वेरीफिकेशन नहीं कराया मयंक का कहना कि उन्होंने सोनू का वेरीफिकेशन कराया था। जबकि पुलिस का कहना कि अभी तक की जांच में उसके नाम के व्यक्ति का वेरीफिकेशन बागसेवनिया थाने से नहीं जारी हुआ है। पुलिस ने लोगों से अपील की वेरीफिकेशन कराने के बाद ही नौकर को रखें। उन्हें संपत्ति की जानकारी नहीं दें।