सरकारी आवासों को प्रशासन ने पांच साल पहले खाली करवाया था। इसमें से कुछ क्वार्टर तो मेंटेनेंस और खिड़की दरवाजों की चोरी हो जाने से जर्जर हो गए। इस खाली आवास इसके बाद कभी किसी कर्मचारी को तो आवंटित नहीं हुए, लेकिन सालों से इस आवासों में कब्जाधारियों की मौज हो गई है। स्मार्ट सिटी के तहत अब इनका भी टूटना तय है।
यही हाल राम नगर कॉलोनी, शाहजहांनाबाद में बने सरकारी आवासों का है। शासन ने पुराने 10 प्रतिशत कर्मचारी को छोड़ दें बाकी सभी आवास खाली करवा दिए हैं। इन आवासों पर ही झुग्गीवालों का कब्जा हो चुका है। जी से लेकर आई तक की केटेगिरी के यह आवास लाइन से तीन हिस्सों मेंं बने हुए हैं।
रिकार्ड में खाली प्रशासन के रिकार्ड में ये आवास खाली हैं। जिसके चलते न तो सड़क का विकास हुआ और न स्ट्रीट लाइट चालू करने कोई आता है। जिसके कारण इन दोनों क्षेत्रों ने घुप अंधेरा हो जाता है। कब्जाधारियों के अलावा खंडहरों में आसाजिक तत्व सक्रिय हो जाते हंै। यहां कई घटनाएं भी हो चुकी हैं।
पिछले साल हुई थी कार्रवाई शिकायत होने पर एक दो बार पीडब्यूडी ने कार्रवाई भी पिछले साल की थी, लेकिन स्थिति फिर जस की जस बनी हुई है। बीडीए के पास इसे तोड़कर नई मल्टी बनाने का प्रोजेक्ट भी है, लेकिन तीन सालों से कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
– इनका कहना – खाली आवासों को हटाने का काम हो रहा है। स्टेप बाय स्टेप इन सभी को तोड़कर प्रोजेक्ट के नक्शे के अनुसार काम शुरू होगा। इसी कारण से वहां अन्य कोई मूलभूत सुविधा नहीं दी जा रही है। स्थाई कब्जा तो प्रोजेक्ट में निर्धारित जगह पर किसी का नहीं रहेगा।
– रामजी अवस्थी, सिटी इंजीनियर, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट – न्यू मार्केट के दशहरा मैदान से लगे आवास करीब पांच छह साल पहले खाली हो गए। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को शुरू हुए तो अभी कुछ ही समय हुआ है। इसके पहले से ही यहां आवंटन रोक दिया गया था। खंडहर आवासों पर कई लोगों का कब्जा है।
– दिनेश साहू, रहवासी टीटी नगर