भाजपा ने सरकार को घेरा
भाजपा ने कमलनाथ से सवाल किया है कि पहले वह बताएं कि राज्य की बेटियां कितनी सुरक्षित हैं। भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा, “मध्य प्रदेश में दुधमुंही बच्चियों से लेकर स्कूली छात्राएं तक हैवानियत की शिकार हो रही हैं। बच्चियां न घरों में सुरक्षित हैं, न स्कूल में और न मां के आंचल में। मुख्यमंत्री कमलनाथ को उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता को प्रदेश में बसने का आमंत्रण देने से पहले यह बताना चाहिए कि राज्य की कानून-व्यवस्था आज किस दौर में पहुंच गई है। वह मध्यप्रदेश की बेटियों को कितनी सुरक्षा दे पा रहे हैं?”
हर दिन आ रही रेप की खबरें
मध्यप्रदेश में अपराध को लेकर हर दिन खबरें आ रही हैं। बीते छह महीनों में देशभर में 24 हजार रेप के केस दर्ज किए गए हैं। इस मामले में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ( CJI ) ने स्वत: संज्ञान लिया था। बीते छह महीनों में रेप के मामले में मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने भी चिंता जाहिर की है। मध्यप्रदेश में 2389 रेप के मामले सामने आए हैं, जबकि नागालैंड में सबसे कम 9 रेप के मामले सामने आए हैं। हाल के दिनों में मध्यप्रदेश में मासूम के साथ रेप की कई घटनाएं सामने आई हैं।
रेप की घटनाओं से शर्मिदा हुआ प्रदेश
हाल ही में मध्य प्रदेश इंदौर में चार साल की मासूम के साथ रेप कर हत्या करने का मामला सामने आया था। मामले में पुलिस ने आरोपी को 30 घंटो में गिरफ्तार किया था। आरोपी के बच्चे मासूम बच्ची के साथ खेलते थे, उसी बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाकर आरोपी ने मौत के घाट उतार दिया था। वहीं, राजधानी भोपाल के कमला नगर इलाके में एक नाले से एक नाबालिग लड़की का शव मिला था। उसके शव के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई। बच्ची शाम से लापता थी। बच्ची के साथ रेप और हत्या के आरोपी 35 साल के विष्णु को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। इसके अलावा सतना जिले में एक 6 साल की मासूम के साथ रेप का मामला सामने आया था। वहीं, बात हत्या या अन्य अपराध की की जाए तो हाल ही में सतना के चित्रकूट में दो जुड़वा बच्चों का अपहरण करने के बाद हत्या कर दी गई थी। वहीं, राजधानी भोपाल में बैरागढ़ चिचली में एक मासूम का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई थी।
फांसी की सजा का कानून, फिर भी अपराध पर लगाम नहीं
मध्यप्रदेश में नाबालिग से रेप करने वालों दोषियों को फांसी का सजा देने का प्रावधान है। मध्यप्रदेश विधानसभा में दिसंबर 2017 को 12 साल या उससे कम उम्र की लड़कियों के साथ बलात्कार के दोषियों को फांसी की सजा देने के विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया गया था। इसके बाद भी मध्यप्रदेश में रेप की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। मध्यप्रदेश में आए दिन किसी ना किसी जिले से रेप की घटनाएं सामने आ रही हैं।