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सवर्णों को मिलेगा 10 प्रतिशत आरक्षण! जानिये इसका असर…

locationभोपालPublished: Jan 07, 2019 07:10:24 pm

पीएम नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट का फैसला…

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सवर्णों को मिलेगा 10 प्रतिशत आरक्षण! जानिये इसका असर…

भोपाल। भाजपा की केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश समेत तीन राज्यों में करारी हार के बाद लोकसभा चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक खेला है। इसके तहत पीएम नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया है।

जानकारी के अनुसार सोमवार को पीएम मोदी की अध्‍यक्षता में कैबिनेट की हुई बैठक में सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर मुहर लगाई गई है। बता दें की सरकार यह आरक्षण केवल शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में देगी।

वहीं चर्चा है कि लोकसभा में मंगलवार को मोदी सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को आरक्षण देने संबंधी बिल पेश कर सकती है।

वहीं कई जानकार इसे केवल मजबूरी में लिया गया फैसला मान रहे हैं। इसके पीछे जो तर्क दिया जा रहा है उसके अनुसार मध्यप्रदेश समेत तीन राज्यों में भाजपा की हार का कारण सवर्णों की नाराजगी माना जा रहा था।

बता दें कि एससी-एसटी एक्ट में कानून बनाने के बाद सरकार के खिलाफ सवर्णों ने आंदोलन शुरू कर दिया था। मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल और विंध्य क्षेत्र में सवर्णों की नाराजगी बहुत अधिक थी। सवर्णों की नाराजगी@reservation free india के कारण ही ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में भाजपा की करारी हार हुई है।

जानकारों का कहना है कि सरकार ने यह फैसला मध्यप्रदेश समेत तीन राज्यों में हार के बाद लिया है। इसे हार का इम्पैक्ट भी कहा जा सकता है।

राजनीति के जानकार डीके शर्मा के अनुसार दरअसल एट्रोसिटी एक्ट के समय भी सवर्णों में कुछ हद तक मतभेद देखने को मिले थे, एक ओर जहां कुछ वर्ग बिना जांच के गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे, वहीं दूसरे कुछ वर्ग मुख्य रूप से केवल आरक्षण पर मिलने वाली नौकरी व प्रमोशन को लेकर मुखर थे।

ऐसे में अब सवर्णों को आरक्षण देने से दूसरे कुछ वर्ग के लोग तो संतुष्ट हो जाएंगे, लेकिन बिना जांच गिरफ्तारी का विरोध करने वाले इस फैसले से संतुष्ट हो जाएंगे ये कहना मुश्किल है।

ऐसे में जहां अपने इस तरीके से भाजपा कुछ हद तक तो अपने नाराज हुए वोटर्स को वापस मनाने में सफल रहेगी, लेकिन पूरी तरह से नाराज हुए सभी वोटर्स को केवल इस एक फैसले से वापस लाना मुश्किल दिखाई दे रहा है।

https://twitter.com/narendramodi?ref_src=twsrc%5Etfw

भाजपा ने किया स्वागत:
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह @MPRakeshSingh ने इस फैसले का स्वागत करते हुए अपने ट्वीट कर लिखा है, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने आज सवर्ण समाज के हित में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। सबका साथ-सबका विकास के मंत्र के साथ चलते हुए अब देश में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण परिवारों को भी सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण दिया जाएगा।’

 

वहीं कुछ जानकार इसे मोदी का मास्टर स्टोक बता रहे हैं, उनका कहना है इससे संपूर्ण सवर्ण समाज वापस भाजपा की ओर अपना रुख कर लेगा।

भाजपा को दोनों ओर से फायदा…
वहीं शर्मा का तो यहां तक कहना है कि भले ही संपूर्ण सवर्ण समाज मोदी की ओर अपना रुख न करे, लेकिन ये सच है कि मोदी का ये चक्रव्यूह कांग्रेस व अन्य दलों के लिए जरूर गले की फांस बन सकता है। शर्मा के अनुसार जैसे एट्रोसिटी के समय उसका कोई विरोध नहीं कर पाया था, ऐसे ही इसका भी कोई विरोध नहीं कर पाएगा।

उनके अनुसार सदन पटल पर यदि कोई भी पार्टी इसका विरोध करती है, तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। वहीं यदि सभी इसका समर्थन करते हैं, तो भी इसका लाभ केवल और केवल @BJP मोदी सरकार को ही जाएगा।

जातिगत आधार पर: 49.5 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है

संविधान के अनुच्छेद 16 (4) में देश के पिछड़े नागरिकों को आरक्षण देने का जिक्र है। केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने जुलाई 2016 में बताया था कि देश में अभी जातिगत आधार पर 49.5% आरक्षण दिया जा रहा है।

इसमें एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग को शामिल किया गया है। किस वर्ग को मिल रहा है कितना आरक्षण…

वर्ग : आरक्षण
ओबीसी : 27%
एससी : 15%
एसटी : 7.5%
कुल : 49.5%

 

बता दें कि सवर्णों के लिए आरक्षण आर्थिक आधार पर होगा, जिसकी योग्यता की गाइडलाइन सरकार ने जारी भी कर दी है। इसके अलावा सांख्यिकी मंत्रालय के 2007 में किए गए एक सर्वे के मुताबिक, भारत में हिंदुओं की आबादी में 31 फीसदी सवर्ण हैं।

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