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भोपाल

सीवेज के पानी से कमाई करेंगे नगरीय निकाय

– पानी फिल्टर करने प्रत्येक निकाय में लगेगा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट- पानी से धुलेगा रेलवे प्लेट फार्म, घरों के निर्माण में होगा उपयोग

भोपालOct 13, 2019 / 08:57 am

Ashok gautam

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भोपाल। नगरीय निकाय सीवेज के पानी बेंचकर कमाई करेंगे। पानी को ट्रीटमेंट करने के लिए प्रत्येक नगरीय निकायों में वर्ष 2030 तक प्लांट लगाए जाएंगे। पूरे प्रदेश में ट्रीटमेंट प्लांटों से 6413 एमएलडी सीवेज पानी शुद्ध करने की डीपीआर तैयार की गई है। इसके लिए पूरे शहर में अलग से लाइन बिछाई जाएंगी।

शहर से दूर बने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक गंदा पानी पहुंचाने के लिए आटोमैटिक मशीन लगाई जाएगी, जो चौबीसों घंटे काम करेगी। ट्रीटमेंट प्लांट शहर से 7 किमी दूर बनाया जाएगा।

सीवेज ट्रीटमेंट प्लॉटों में शुद्ध किए गए पानी का सबसे बड़ा व्यावसायिक उपयोग उद्योग, सीमेंट प्लांट, रेलवे स्टेशनों की सफाई, मकान और अन्य निर्माण कार्यों में किया जाएगा। इसके अलावा इस पानी को खेतों में डालने और शहरों के पार्कों को सींचने, पौधों में पानी डालने, सहित अन्य साफ-सफाई कार्यों में किया जाएगा। शुद्ध पानी को शहर तक लाने के लिए एक अलग से लाइन डाली जाएगी, जिससे इस पानी का वितरण किया जाएगा। रेलवे स्टेशन के आस-पास इसका टैंक बनाया जाएगा। क्योंकि इस पानी का सबसे बड़ा उपभोक्ता रेलवे को माना जा रहा है।

निकाय तय करेंगी पानी की दरें

प्लांट और सीवेज नेटवर्क तैयार होने के बाद पानी की दरें तय की जाएगी। प्रत्येक निकायों में पानी की अलग अलग दरें निर्धारित होंगी। इसके साथ ही नगर निगम इस पानी के लेने वाली एजेंसियों करार करेंगी।

अगर ये एजेंसी नियमित रूप से पानी लेती हैं तो उनके पास तक पानी पहुंचाने के लिए नेटवर्क बिछाने का काम निकाय करेंगी। इस पानी के सप्लाई के लिए एक अलग से अमले की नियुक्ति भी की जाएगी।

निर्माण कार्यों में ग्राउंट वाटर उपयोग पर लगेगा प्रतिबंध

घर सहित अन्य निर्माण कार्यों में ग्राउंट वाटर के उपयोग में पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाएगा।

ग्राउंट वाटर के उपयोग करने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करने के प्रावधान नगर निगम के पास होंगे। निर्माणकर्ता एजेंसी और मकान मालिक से शुल्क लेकर नगर निगम पानी उपलब्ध कराएगा। ऐसे स्थानों पर पानी की सप्लाई टैंकरों के माध्यम से की जाएगी। इन्हीं टैंकरों के माध्यम से गर्मी के समय में पार्क और बगीचा सींचने के लिए पानी का की सप्लाई की जाएगी।

अमृत-टू योजना में भेजा प्रस्ताव
ट्रीटमेंट प्लांट बनाने और सीवेज नेटवर्क तैयार करने के लिए राशि का प्रावधान अमृत-टू योजना के प्रस्ताव के साथ भेजा गया है। अमृत-टू योजना में राज्य सरकार ने करीब 1500 करोड़ रूपए का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा है।
इससे सभी निकायों को नेटवर्क तैयार करने के लिए राशि भेजी जाएगी। नेटवर्क तैयार करने वाली कंपनी को ही इसके रख-रखाव और संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी।

फैक्ट फाइल

संचालित सेवेज ट्रीटमेंट प्लांट —- 233 एमएलडी क्षमता
संचालित नहीं होने वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट – 68 एमएलडी क्षमता
निर्माणाधीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट- 1054 एमएलडी क्षमता
प्रस्तावित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट – 103 एमएलडी क्षमता

सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट
वर्ष 2020 तक 1555 एमएलडी
वर्ष 2024 तक 1658 एमएलडी
वर्ष 2030 तक 3200 एमएलडी

सभी नगरीय निकायों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और नेटवर्क तैयार किया जाएगा। ट्रीटमेंट प्लांट में शुद्ध किए गए पानी का व्यावसायिक उपयोग होगा। – प्रभाकांत कटारे, ईएनसी, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग

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