स्वास्थ्य विभाग का मानना है डेंगू मरीजों की संख्या लगातार बढती जा रही है। वहीं राजधानी से लगे रायसेन में भी एक सप्ताह पहले जहां डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 74 था। वहीं अब डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 84 पर जा पहुंचा है। डेंगू के प्रभाव से बचने के लिए बचाव के तरीके अपनाना अधिक बेहतर है। जानिए क्या हैं वे उपाय………
जमा न होने दें घर में पानी
एडीज एजिप्टी मच्छर दिन के समय संक्रमण फैलाते हैं। इनका जन्म आमतौर पर जमा पानी वाले स्थानों पर होता है। इसलिए घर के अंदर और आस-पास स्थिर पानी को साफ करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसके अलावा कूलर, गमले आदि में पानी जमा न रहने दें। रोगी को मच्छर के कटाने से बचायें। डेंगू से पीड़ित व्यक्ति को फिर से मच्छर द्वारा कटाने से बचाये। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित करें किे घर में हर किसी की मच्छर के काटने के खिलाफ रक्षा की जाये।
करें रिपेलेंट का प्रयोग
नियमित रूप से मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें। इससे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि दिन है या रात। मच्छरों वाले स्थान में मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल रात में करने के साथ-साथ दिन में भी करें।
सभी छेदों को करें ब्लॉक
आप इस बात को भी सुनिश्चित करें कि अंदर और बाहर जाने के सभी रास्तों में किसी भी प्रकार का छेद न हो। अगर आप ऐसा पाते हैं तो घर में मच्छरों के प्रवेश को निषेध करने के लिए ठीक से उन सभी छेदों को ब्लॉक कर दें।
मच्छरदानी का प्रयोग करें
घर में मच्छरों के अधिक होने पर सोने के लिए आपको हर रात मच्छरदानी का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। विशेष रूप से अगर आपके घर में बच्चे हैं, तो उन्हें रात के समय बिना मच्छरदानी के न सोने दें।
डेंगू के लक्षणों को कम करता है ये पत्ता
डॉक्टर्स भी डेंगू बुखार में पपीते की पत्तियों का रस पीने की सलाह देते हैं क्योंकि इससे बीमार के लक्षण जैसे हाई फीवर, त्वचा पर चकत्ते और प्लेटलेट काउंट में कमी दूर होती है। पपीते के पत्ते में विटामन्स, एंजाइम्स और कैल्शियम काफी मात्रा में होता है, जो सिर्फ डेंगू, चिकनगुनिया ही नहीं बल्कि वायरल फीवर, सर्दी-खांसी से भी जल्द उभरने में मदद करते हैं। यही नहीं, इसकी पत्तियां प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में काफी मददगार हैं। करना बस आपको इतना है कि पपीते की पत्तियों को लेकर अच्छे से साफ करके इनका जूस बना लें और रोज एक गिलास पी लें।