अतिथि व्याख्याताओं के भरोसे शिक्षण व्यवस्था
विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में एंट्री लेवल का पद असिस्टेंट प्रोफेसर का है। सरकारी कॉलेजों में इनके 4700 पद खाली हैं। वहीं, विश्वविद्यालयों में राज्य शासन से पद स्वीकृत हैं। लेकिन, अधिकतर में गेस्ट फैकेल्टी के भरोसे काम चलाया जा रहा है। तीन माह पहले राजभवन में हुई बैठक के दौरान राज्यपाल ने रिक्त पदों पर नियुक्ति के स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए थे। विश्वविद्यालयों के मामले में आरक्षण के पेच पर स्पष्ट किया गया कि राज्य में लागू 100 बिन्दु रोस्टर लागू किया जाए।
नए विश्वविद्यालयों की स्थिति ज्यादा खराब सागर विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिल जाने के कारण छतरपुर और शहडोल विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई। लेकिन, ये विश्वविद्यालय पदों की स्वीकृति के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हाल ही में स्थापित छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय की स्थिति कुछ ठीक है। यहां सरकार ने आनन-फानन में पद स्वीकृत कर दिए हैं।