scriptदक्षिण अफ्रीका के कछुओं पर भारी पड़ रही शहर की सर्दी, एक-एक हजार वॉट के बल्ब और हीटर से दे रहे गर्मी | van vihar news | Patrika News
भोपाल

दक्षिण अफ्रीका के कछुओं पर भारी पड़ रही शहर की सर्दी, एक-एक हजार वॉट के बल्ब और हीटर से दे रहे गर्मी

– चार साल से अपने वतन जाने का इंतजार कर रहे दक्षिण अफ्रीका के कछुए

भोपालJan 18, 2022 / 10:56 pm

praveen malviya

दक्षिण अफ्रीका के कछुओं पर भारी पड़ रही शहर की सर्दी, एक-एक हजार वॉट के बल्ब और हीटर से दे रहे गर्मी

दक्षिण अफ्रीका के कछुओं पर भारी पड़ रही शहर की सर्दी, एक-एक हजार वॉट के बल्ब और हीटर से दे रहे गर्मी,दक्षिण अफ्रीका के कछुओं पर भारी पड़ रही शहर की सर्दी, एक-एक हजार वॉट के बल्ब और हीटर से दे रहे गर्मी,दक्षिण अफ्रीका के कछुओं पर भारी पड़ रही शहर की सर्दी, एक-एक हजार वॉट के बल्ब और हीटर से दे रहे गर्मी

भोपाल. अपने वतन की मिट्टी और आबोहवा से हजारों किलोमीटर दूर रहने का दर्द क्या होता है, यह वन विहार में रह रहे सुलकाटा प्रजाति के पांच कछुओं से बेहतर कौन जान सकता है। मूलत: दक्षिण अफ्रीका के निवासी इन कछुओं को 2018 में तस्करों से छुड़ाया गया था। वतन वापसी की राह में तकनीकी दिक्कतें आने के चलते पिछले चार साल से वन विहार में निर्वासित जीवन जी रहे यह कछुए अफ्रीका के गर्म मौसम में रहने के आदी हैं। ऐसे में सर्दियों का मौसम काटना इनके लिए कष्टदायक होता है, उस पर इस साल पड़ रही बेहद तीखी सर्दी इन पर भारी पड़ रही है। खास कमरे में इन्हें गर्म रखने के लिए हजार-हजार वॉट के छह बल्बों सहित दो हीटर से लगातार गर्मी दी जा रही है।
दक्षिण अफ्रीका के रेगिस्तानी इलाकों में पाई जाने वाली सुलाकाटा प्रजाति के कछुए दुनिया के उन चुनिंदा जीवों में से हैं जो रईसों के शौक का शिकार हो रहे हैं। अपनी अमीरी का दिखावा करने के लिए कुछ धनाढ्य लोग इन दुर्लभ कछुओं को अपने एक्वेयरिम में रखना शान समझते हैं जिसके लिए इनकी तस्करी होती है। वर्ष 2018 में जबलपुर के नजदीक सिवनी से ऐसे ही तस्करों से इन छह सुलकाटा कछुओं को बरामद किया गया था। तस्कर इन्हें मुम्बई लेकर जा रहे थे। बरामदगी के कुछ समय बाद ही एक कछुए की मौत हो गई गई थी।
कोर्ट की ओर से इन्हें इनके प्राकृतिक रहवास में छोड़े जाने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन कस्टम ने इन्हें स्वीकार नहीं किया वहीं किसी एक्सचेंज प्रोग्राम में भी इनके अपने देश पहुंचने का रास्ता नहीं बना जिसके चलते वन विहार के वन्य प्राणी अस्पताल में एक विशेष कमरे में इनका जीवन कट रहा है।
इन कछुओं को गर्मियों के मौसम में बाहर निकाला जाता है, लेकिन सर्दियों में इन्हें खास देखभाल की जरुरत होती है। इन्हें खाने में लौकी-कद्दू सहित सब्जियां आदि दी जाती है। वर्तमान में चौबीसों घंटे इन्हें कई तरीकों से ठंड से बचाकर गर्माहट प्रदान की जा रही है।
डॉ अतुल गुप्ता, वन्य प्राणी विशेषज्ञ, वन विहार

Home / Bhopal / दक्षिण अफ्रीका के कछुओं पर भारी पड़ रही शहर की सर्दी, एक-एक हजार वॉट के बल्ब और हीटर से दे रहे गर्मी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो