मामा' से आरक्षण पर सवाल पूछ देशभर में सुर्खियों में आया ये लड़का.. देखें कौन है ये लड़का!
आइपीएस अफसर बनना चाहता है विक्की

भोपाल। कॅरियर काउंसिलिंग कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल पूछकर सुर्खियों में आया बागसेवनियां हायर सेकंडरी स्कूल का छात्र विक्की शर्मा आईपीएस बनना चाहता है। उसका कहना है कि वह जरूरतमंदों के हक की लड़ाई लडऩा चाहता है। विक्की ने बताया कि सीएम से सवाल पूछते वक्त भी उसके जेहन में आरक्षण के कारण छिन रहे अधिकार की बात थी। मुद्दा, केवल लैपटॉप का नहीं, बल्कि प्रतिभाओं के अधिकार का है। 12वीं के बाद अच्छे कॉलेज में प्रवेश से लेकर हर जगह जूझना होता है। इसलिए उसने मामा से मांग की थी कि शिक्षा में तो कम से कम भेदभाव न किया जाए।
मां ने कहा- लग रहा है डर
मुख्यमंत्री से सवाल पूछने के बाद विक्की के माता-पिता थोड़ा डरे हुए हैं। मां कमला देवी का कहना है कि उनका परिवार मेहनत करके गुजारा कर रहा है। उन्हें डर है कि बेटे की ये सुर्खियां कहीं मुसीबत न बन जाए।
जनसमस्याओं को लेकर सक्रिय
विक्की के पिता रमाकांत शर्मा कारपेंटर है, पढ़ाई के साथ वह अपने पिता के कारपेंटर के काम में हाथ बंटाता है। तीन भाई और दो बहनें के बीच वह चौथे नंबर का है। विक्की के पड़ोसियों ने बताया कि वह अधिकारों को लेकर जागरूक रहता है। मोहल्ले में कचरा उठाने के लिए पहले कोई नहीं आता था, विक्की ने सीएमओ से लेकर नगर निगम आयुक्त तक शिकायत कर ये समस्या हल करवाई।
अध्यापकों की पद स्थापना 31 तक
स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित शैक्षणिक शालाओं के लिए अनुमति प्राप्त अध्यापकों की पद-स्थापना 31 मई तक अनिवार्य रूप से कर दी जाएगी। अध्यापकों की कार्यमुक्ति की कार्यवाई एक से 8 जून तक अनिवार्य रूप से किये जाने के आदेश लोक शिक्षण संचालनालय ने कर दिए हैं। आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए। आयुक्त ने अपने आदेश में प्रदेश भर के जिला शिक्षा अधिकारियों को हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में अध्यापक संवर्ग में अंतरनिकाय संविलियन की कार्रवाई 31 मई तक किए जाने का निर्देश दिया है। बता दें स्कूल शिक्षा विभाग ने पूर्व में हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में बीच शैक्षणिक सत्र को देखते हुए अध्यापक संवर्ग के अंतरनिकाय संविलियन के लिये जारी अनुमति पर कार्यमुक्त नहीं किए जाने के निर्देश जारी किए थे। अब जून के दूसरे सप्ताह से सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र को देखते हुए यह कार्यवाई निश्चित समय-सीमा में किए जाने के लिए कहा गया है। कार्यवाही आदिवासी क्षेत्र से गैर-आदिवासी, गैर-आदिवासी क्षेत्र से आदिवासी क्षेत्र और आदिवासी क्षेत्र से आदिवासी क्षेत्र की शालाओं को छोडकऱ किए जाने के लिए कहा गया है।
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