उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष २०१७ को १०,११ एवं १२ जनवरी को भोपाल में देशभर के ५० गैर राजनैतिक किसान संगठनों ने दो राष्ट्रीय प्रस्ताव पास किए थे। इसमें किसानों की कर्ज मुक्ति और पूरा दाम, स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाए। लेकिन ये मांगे पूरी नहीं हुई। इन दो मांगों को लेकर पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी जून माह में ग्राम बंद का आव्हान किया गया है। राष्ट्रीय किसान महासंघ के प्रस्ताव पर देशभर के ९० गैर राजनैतिक किसान संगठन मिलकर ग्राम बंद का आयोजन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस ग्राम बंद के दौरान ६ जून को श्रद्धांजली सभा तथा मृत किसानों की आत्मशांति के लिए हवन आदि किए जाएंगे। मालूम हो ६ जून को मंदसौर में किसानों की गोली मारकर तथा पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। एक अन्य सवाल उन्होंने कहा कि आमजन किसान के साथ हैं, इसलिए ग्राम बंद में वे भी सहयोग करेंगे। इस बंद से किसी को कोई परेशानी नहीं होगी।
सरकार का ढोंग है किसान सम्मान यात्रा –
किसान यात्राओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार की यह किसान सम्मान यात्रा नहीं बल्कि किसान अपमान यात्रा हैं। फसल का उचित दाम मांग रहे किसानों पर एक ओर सरकार गोली चलवा रही है और अब सम्मान यात्रा का ढोंग हो रहा है। किसान कर्ज माफ किए जाने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार उनका कर्ज माफ नहीं कर रही है, उसके विपरीत उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर दिया गया। जबकि उद्योगपतियों की तुलना में किसानों का कर्ज बहुत कम था। कर्ज में डूबे किसान आत्महत्या को मजबूर हैं, लेकिन सरकार आंख किए है। भांवातर योजना को उन्होंने किसानों के साथ धोखा बताया।