गलियारे में खड़े दिखे आरोपी:
आरोपियों की अत्यधिक संख्या के चलते कोर्ट रूम भी छोटा पड़ गया। ऐसे में यहां आए आरोपियों को बाहर गलियारे में ही खड़े रहने को मजबूर होना पड़ा। 7 को हुई थी सजा…
इससे पहले मंगलवार को व्यापमं के पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा २०१२ फर्जीवाड़े में पिता-पुत्र सहित पांच अभियुक्तों को 7-7 साल की सजा सुनाई गई है।
आरोपियों की अत्यधिक संख्या के चलते कोर्ट रूम भी छोटा पड़ गया। ऐसे में यहां आए आरोपियों को बाहर गलियारे में ही खड़े रहने को मजबूर होना पड़ा। 7 को हुई थी सजा…
इससे पहले मंगलवार को व्यापमं के पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा २०१२ फर्जीवाड़े में पिता-पुत्र सहित पांच अभियुक्तों को 7-7 साल की सजा सुनाई गई है।
सीबीआई कोर्ट ने सभी पर ७-७ हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। सजा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि व्यापमं की परीक्षाओं में जिस तरह का भ्रष्टाचार हुआ है वह दिन-रात पढ़ाई करने वाले होनहारों के भविष्य से खिलवाड़ है। अभियुक्तों में इलाहाबाद के दो इंजीनियर और भिंड का एक मेडिकल छात्र भी शामिल है।
व्यापमं घोटाले के सीबीआई द्वारा हाथ में लिए गए प्रकरणों में यह पहली सजा है। मामला पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 का है। भिंड निवासी नरोत्तम यादव ने बिचौलियों से साठ-गांठ कर अपनी जगह फर्जी परीक्षार्थी को बिठाकर मेरिट हासिल की और पुलिस आरक्षक बन गया था।
पहली बार पेश किया चालान…
पहली बार एसटीएफ ने प्रकरण दर्ज कर तीन आरोपियों के खिलाफ चालान न्यायालय में पेश किया था। बाद में सीबीआई ने प्रकरण की विवेचना की और पूरक चालान में कुल पांच आरोपियों को नामजद किया था।
पहली बार एसटीएफ ने प्रकरण दर्ज कर तीन आरोपियों के खिलाफ चालान न्यायालय में पेश किया था। बाद में सीबीआई ने प्रकरण की विवेचना की और पूरक चालान में कुल पांच आरोपियों को नामजद किया था।
सोमवार को ही पांचों अभियुक्तों को दोषी करार दे चुकी सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एससी उपाध्याय ने नरोत्तम यादव, उसके पिता भगवान यादव, रिश्तेदार अविनाश यादव तीनों निवासी भिंड और इलाहाबाद के इंजीनियर ऋषभ अग्रवाल और प्रभात मेहता को 7-7 साल की जेल की सजा सुनाई। अविनाश रीवा मेडिकल कॉलेज का छात्र था, इसीलिए उसने रिश्तेदार नरोत्तम के लिए रीवा का सेंटर चुना था। हालांकि बाद में उसने पढ़ाई छोड़़ दी।