जानकारी के अनुसार करीब 15 हजार वक्फ सम्पत्तियां बोर्ड के तहत हैं। इनकी देखरेख के लिए बने वक्फ बोर्ड में दो साल से कोई नियुक्ति नहीं हुई। अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म होने के बाद ये प्रशासक के हवाले कर दिया गया था। बताया गया उनका भी तबादला हो गया ऐसे में बोर्ड में अब प्रशासक भी नहीं। यहां नियुक्त पूर्व सीईओ को अनियमिताओं के आरोप में हटा दिया गया था।
अब यहां का काम बोर्ड प्रभारी के हवाले है। ये प्रभारी बोर्ड में नियुक्त एक कर्मचारी हैं। इसके कारण कई काम अटक गए हैं। आरोप है अतिक्रमण और कब्जों की शिकायतों के बाद भी उन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।
सम्पत्तियों की देखरेख और प्रबंधन काम जानकारों के मुताबिक बोर्ड में जो जायदाद दर्ज हैं उन्हें किसी ने किसी ने लोगों की मदद के लिए वक्फ किया था। इनसे होने वाली आय को शिक्षा, रोजगार या फिर बेसहारा लोगों की मदद के लिए खर्च किए जाने का प्रावधान वक्फ एक्ट में है। बोर्ड से कुछ बच्चों को स्कॉलरशिप बेसहारा महिलाओं को पेंशन देने जैसी व्यवस्था बनी हुई है। बोर्ड जायदादों का प्रबंधन और उनकी देखरेख करता है।
इनका कहना बोर्ड का जो भी जरूरी काम है चल रह है। बेहतर करने की कोशिश है। अगर कोई मामले पेडिंग है तो उन्हें भी निपटाया जा रहा है। – राम खिलावन पटेल, मंत्री, अल्पसंख्यक कल्याण