औद्योगिक क्षेत्र में हाइवे के समानान्तर एसबीआई रोड से खेड़ापति माता मंदिर रोड के बीच दो दशक पहले एकेवीएन ने बेरोजगार युवकों को अपना व्यापार शुरू करने के लिए एक निर्धारित शुल्क लेकर अस्थाई तौर पर 6 वाय 12 की जमीन आवंटित की थी। यहां बड़ी संख्या में वाहन सर्विस सेंटर, टू-व्हील और फोर व्हील मैकेनिक और उनसे जुड़े कार्य, होटल ढाबे, छोटे ट्रांसपोर्ट, टायर सर्विस का कारोबार करने वाले करीब 100 छोटे दुकानदार अपनी दुकानें संचालित कर रहे हैं। यह जगह शहर के बीचों-बीच और हाइवे से लगी होने के कारण बड़ी संख्या में ग्राहक यहां पहुंचते हैं।
विस्तार के चलते बने हालात
मप्र सडक़ विकास निगम द्वारा प्रस्तरावित भोपाल-जबलपुर हाइवे के तहत मिसरोद से सिमराई तक 8 लेन सडक़ का निर्माण किया जा रहा है। राजस्व विभाग ने हाइवे के मध्य से रहवासी क्षेत्र की ओर 24 मीटर तथा औद्योगिक क्षेत्र की ओर 36 मीटर जमीन चिन्हित की है। दिल्ली की सीडीएस कंपनी ने करीब चार माह पूर्व इसका काम शुरू कर दिया है। हाइवे के दोनों ओर डक सहित ड्रेनज बनाई जा रही है। नगरीय क्षेत्र में कलियासोत नदी से आने वाले पेयजल लाइन को नये सिरे से डाला जा रहा है।
विस्थापन की नहीं बनाई योजना
औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत इन दुकानदारों को विस्थापित करने की एकेवीएन ने अब तक कोई योजना नहीं बनाई है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि दुकानदारों को इसी शर्त पर जगह आवंटित की गई थी कि जरूरत करने पर यहां से हटाया जा सकता है। पिछले 18 साल से यहां दुकान चला रहे जुबेर खान बताते हैं कि दुकाने हटने की खबर से दुकानदारों में भय का माहौल बन रहा है।
सीधी बात : अशोक सेंगर कार्यपालन यंत्री एकेवीएन
1. दुकानदारों को विस्थापन की क्या योजना है?
जबाव : अस्थाई तौर पर जमीन आवंटित की गई थी, विस्थापन की कोई योजना नहीं है
2. जमीन आवंटित के समय जो राशि ली गई थी वह वापस होगी या नहीं?
जबाव : जमीन आवंटन की शर्त के मुताबिक राशि वापस नहीं होगी।
3. विस्थापन की योजना क्यों नहीं बनाई है?
जबाव : जमीन उपलब्ध नहीं है
विस्थापन की नहीं बनाई योजना