मध्यप्रदेश का मौसम रोज बदलने लगा है। कभी ठंड कभी गर्मी के कारण लोग परेशान होते देखे गए अब पिछले कुछ दिनों से चल रही हवा के कारण भी सुबह के समय ठंड का अहसास बरकरार है। मंगलवार रात को ही हवाओं में ज्यादातर उत्तर से बर्फीली हवा का अहसास होने से ठंड बढ़ गई। इसके बाद बुधवार को सुबह से ही उत्तर पश्चिमी तो कभी दक्षिणी हवा का असर देखा गया।
मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले एक-दो दिन में तापमान बढ़ने लगेगा। हवा का रुख कभी उत्तर तो कभी दक्षिणी बना हुआ है। दोपहर के बाद यह हवा का रुख दक्षिणी हो जाता है, इससे गर्मी का अहसास होता है, जबकि सुबह शाम से लेकर सुबह तक इसका रुख उत्तरी रहने से ठंड ज्यादा महसूस हो रही है। हालांकि मौसम विभाग ने कहा है कि दिन और रात के पारे में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होना शुरू हो गई है। राजधानी भोपाल में न्यूमतम तापमान 13.8 से बढ़कर एकदम से 15 डिग्री के आसपास पहुंच गया है। लेकिन, दिन के पारे में तीन डिग्री की कमी होने के कारण कभी ठंडक तो कभी गर्मी जैसा लग रहा है।
पिछले 24 गंटों के दौरान प्रदेश का मौसम शुष्क रहा। अधिकतम तापमानों में सभी जिलों में सामान्य से काफी कम और शेष संभागों के जिलों में सामान्य से कम रहे। न्यूनतम तापमान ग्वालियर संभाग के जिलों में काफी गिर गया और शेष संभागों के जिलों में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। वे ग्वालियर संभाग के जिलों में सामान्य से काफी कम, होशंगाबाद इंदौर एवं उज्जैन संभागों के जिलों में सामान्य से कम और शेष संभागों के जिलों में सामान्य से रहे।
खरगौन सबसे गर्म, शिवपुरी सबसे ठंडा
मध्यप्रदेश में सर्वाधिक तापमान 33 डिग्री खरगौन में रहा। जबकि न्यूनतम तापमान 9 डिग्री शिवपुरी का रहा।
तालाबों का पानी सूखने लगा
राजधानी भोपाल का बड़ा तालाब भी दिनों दिन सूखने लगा है। वहीं पिछले साल हुई बारिश के बावजूद भदभदा डैम के गेट नहीं खुलने से कलियासोत डैम और केरवा डैम की हालत खराब हो गई है। कलियासोत डैम तो पूरा सूखने की कगार पर पहुंच गया है। मई जून तक कलियासोत डैम पूरा सूख जाएगा, जबकि बड़े तालाब के बीच स्थित तकिया टापू तक भी पैदल जाने की स्थिति बन सकती है। इसके अलावा कोलार डैम में भी इस बार पानी कम है। जो चिंता का विषय है। क्योंकि कई डैम ऐसे हैं जिनसे फसलों के लिए सिंचाई की जाती है, ऐसी स्थिति में फसलों को भी नुकसान हो सकता है।