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भोपाल

पांच साल के निचले स्तर पर पहुंच गया पारा, कड़ाके की ठंड के बीच पाले की आशंका

पश्चिमी विक्षोभ और विपरीत चक्रवात से और सर्द होगा मौसम

भोपालDec 21, 2018 / 08:04 am

Bharat pandey

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भोपाल। राजधानी में कड़ाके की ठंड जारी है। गुरुवार को न्यूनतम तापमान पिछले पांच साल के निचले स्तर पर पहुंच गया। न्यूनतम तापमान में 0.2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ ही इसने 2014 के दिसंबर माह के सबसे कम तापमान 06 डिग्री सेल्सियस की बराबरी कर ली। पिछले 10 सालों में इससे कम तापमान 2010 में 21 दिसंबर को 5.9 डिग्री दर्ज किया गया था। 0.2 डिग्री सेल्सियस की और गिरावट होते ही ठंड राजधानी में 10 साल का रिकार्ड तोड़ देगी।

मौसम विशेषज्ञ एसके नायक के अनुसार एक पश्चिमी विक्षोभ पूर्वी जम्मू कश्मीर की ओर बढ़ रहा है। इसके साथ ही विपरीत चक्रवात दक्षिणी पाकिस्तान और उससे सटे राजस्थान पर बना हुआ है। इसके चलते अगले दो से तीन दिन राजधानी के न्यूनतम तापमान में 04 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक की गिरावट बनी रहेगी। मौसम विभाग के अनुसार कई इलाकों में पाला भी पड़ सकता है। रात का तापमान भले ही लगातार गिर रहा हो, लेकिन दिन में लोगों को पिछले दो दिन से राहत मिली हुई है। अधिकतम तापमान दो दिन में लगभग 04 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। मौसम विभाग के अनुसार दो दिन से हवा की रफ्तार 08 से 10 किमी प्रतिघंटा दर्ज की जा रही है। वहीं आसमान साफ ऐसे में धूप की गर्माहट महसूस हो रही है।

तीन घंटे में दो गुना से अधिक हुआ तापमान
गुरुवार को राजधानी में दिन के तापमान में सुबह 08.30 बजे के बाद तेज बढ़ोतरी हुई। सुबह 08.30 बजे तापमान जहां 10.6 डिग्री सेल्सियस था वहीं दोपहर 11.30 बजे 22.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। धूप की यह गर्माहट शाम 04 बजे तक बरकरार रही। हालांकि शाम होते हुए एक बार फिर से सर्द हवाओं ने लोगों की कंपकंपी छुड़ा दी। मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को राजधानी में अधिकतम तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह सामान्य तापमान से 0.6 डिग्री सेल्सियस कम था। वहीं न्यूनतम तापमान 06.0 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस कम था।

वटेश्वर मंदिर के गर्भगृह में जलाया अलाव
शिव प्रदोष पर गुरुवार को बड़वाले महादेव मंदिर में भगवान वटेश्वर का विशेष शृंगार हुआ। तीखी सर्दी के चलते गर्भगृह में अलाव की शुरुआत की गई, जो मकर संक्रांति के बाद तक जलेगा। इसी तरह मंदिर में बाबा की चैतन्य धूनी महाशिवरात्रि तक अखंड जलेगी। मंदिर समिति के संजय अग्रवाल ने बताया कि यहां मौसम के हिसाब से व्यवस्था की जाती है।

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