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भोपाल

पश्चिमी मप्र पर ज्यादा रही बादलों की मार, आज दक्षिणी हिस्से पर दिखेगा असर

पश्चिमी मप्र पर ज्यादा रही बादलों की मार, आज दक्षिणी हिस्से पर दिखेगा असर
– बंगाल की खाड़ी और अरब सागर की नमी एक साथ मिलकर पूरे प्रदेश में करा रही बरसात
– गुरुवार तक खंडवा और शाजापुर में 21-21 मिमी तो शाजापुर में 13 मिमी बरसात

भोपालMar 27, 2020 / 10:31 pm

praveen malviya

पश्चिमी मप्र पर ज्यादा रही बादलों की मार, आज दक्षिणी हिस्से पर दिखेगा असर

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भोपाल. प्रदेश में गुरुवार को कई जगहों पर गरज-चमक के साथ तेज बौछारें पड़ी, इस दौरान तेज हवाएं भी चलीं। पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा 21-21 मिलीमीटर बरसात शाजापुुर और खंडवा में हुई , वही रतलाम में 13 मिमी बरसात हुई। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि, शुक्रवार को प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में कुछ जगह बौछारें पड़ेगी इसके बाद मौसम खुलना शुरू होगा। बुधवार सुबह से लेकर गुरुवार तक प्रदेश में पश्चिमी हिस्से में बादल ज्यादा सक्रिय रहे। खंडवा, शाजापुर , रतलाम के अलावा , इंदौर में 14, ग्वालियर में 8 तो उज्जैन में 6 मिमी बरसात दर्ज की गई। इसके बाद गुरुवार दिन भी बरसात जारी रही और भोपाल में 11.8, खजुराहो में 5.1, तो होशंगाबाद में 3 मिमी, इंदौर में 2.6 मिमी बरसात दर्ज की गई। मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के साथ अरब सागर से आने वाली नमी के भी जुड़ गई है जिसके चलते ज्यादा नमी प्रदेश की ओर आ रही है। इसके साथ-साथ दक्षिणी गुजरात से लेकर कर्नाटक तक द्रोणिका बनी हुई है। इसमें कश्मीर के पास बने पश्चिमी विक्षोभ का असर भी जुड़ रहा है जिसके चलते पूरे प्रदेश में बरसात हो रही है, वहीं इसका प्रभाव पश्चिमी मप्र में ज्यादा है। शुक्रवार को दक्षिणी हिस्से में इसका असर दिखने की संभावना है, जिसके बाद मौसम खुलने लगेगा। दो पश्चिमी विक्षोभ मौजूद मौसम विशेषज्ञ एसके नायक बताते हैं, इस समय औसत समुद्र तल से से 9.5 किलोमीटर स्थित चक्रवाती संचरण के रुप में पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान एवं सटे हुये पूर्व अफगानिस्तान पर स्थित है। इस विक्षोभ से प्रेरित चक्रवाती संचरण अब मध्य पाकिस्तान एवं आसपास के क्षेत्रो पर बना हुआ है। जम्मू कश्मीर एवं सटे पाकिस्तान पर स्थित, औसत समुद्र तल से ऊपर 1.5 – 3.1 किमी के बीच स्थित दूसरा पश्चिमी विक्षोभ पूर्वोत्तर की ओर चला गया है। 30 मार्च से एक नये पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है।

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