विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने आयोग में यह आपत्ति की थी मतणना स्थल पर नेट कनेक्टिविटी और वाई-फाई से ईवीएम को हैक करने की संभावना रहती है।
23 मई को मतगणना शुरू होने के एक घंटे पहले से कैमरे चालू होंगे, जो परिणाम घोषित होने तक रहेंगे। एक मतगणना स्थल पर 25 से 30 कैमरे लगाए जाएंगे। मतगणना समय की पूरी रिकार्डिंग आयोग के स्ट्रांग रूम में 45 दिनों तक सुरक्षित रखी जाएगी। मतणना स्थल पर एक कंट्रोल रूम होगा, जहां से मतगणना स्थल पर निगरानी रखी जाएगी।
प्रदेश के सभी जिलों में मतगणना के लिए 319 हाल बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक मतगणना हाल में तीन कैमरे लगेंगे, जिससे पूरे मतगणना को कवर किया जाएगा। जिससे किसी प्रकार के सवाल उठने पर उसकी हकीकत सामने आ सके।
लगाई जाएंगे 14 टेबिलें – हर विधानसभा क्षेत्र की मतगणना के लिए करीब 14 टेबिलें लगाई जाएंगी। इस तरह से पूरे विधानसभा क्षेत्रों में मतणना के लिए 3220 टेबिलें लगाई जाएंगी। जिनमें 12 हजार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जबकि 15 हजार कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। मतगणना की शुरूआत आठ बजे से बैलेट पेपर से की जाएगी।