भोपाल

कमलनाथ सरकारः इस बार गर्म रहेगा विधानसभा का शीतकालीन सत्र

भाजपा ने की कमलनाथ सरकार को घेरने की तैयारी, कमलनाथ सरकार भी देगी जवाब…।

भोपालNov 08, 2019 / 01:34 pm

Manish Gite


भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly ) का शीतकालीन सत्र ( winter session ) 15 दिसंबर से शुरू हो रहा है। इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह शीतकालीन सत्र इस बार बेहद गर्म रहने के आसार बताए जा रहे हैं। क्योंकि प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ( BJP ) ने इस बार पहले ही तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा इस बार कमलनाथ सरकार ( Kamal Nath government ) को पूरी तरह से घेरने के लिए तैयार है।

मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र ( Madhya Pradesh assembly y Winter Session) 15 को शुरू होगा और 23 दिसंबर तक चलेगा। सात दिवसीय विधानसभा सत्र में सदन की कुल 5 बैठकें होंगी। 15वीं विधानसभा का यह चतुर्थ सत्र है।

विधानसभा सचिवालय ने इसकी तैयारियां तेज कर दी हैं। सियासत के चलते इस बार शीतकालीन सत्र काफी हंगामेदार और गर्म रहने के आसार हैं।

शीतकालीन सत्र में प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी किसानों (Farmer Issue) के मुद्दे को लेकर आपदा राहत और बिजली बिल (Electricity Bill) के सत्ता पक्ष को घेरने की तैयारी कर रही है।

 

कमलनाथ सरकार भी देगी जवाब
विपक्ष के हावी होने की स्थिति में कमलनाथ सरकार ने भी जवाब देने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक प्रहलाद लोधी की सदस्यता का मुद्दा भी शीतकालीन सत्र के दौरान उठेगा। क्योंकि हाल ही में प्रहलाद लोधी को दो साल की सजा होने के बाद विधानसभा से उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई है। इसके बाद लोधी हाईकोर्ट में चले गए, जहां से उन्हें दो साल की सजा पर फिलहाल जनवरी तक के रोक लगा दी गई। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि उन्हें इतनी जल्दबाजी में बाहर किया गया, जो असंवैधानिक है।
भाजपा ने अपने विधायकों को किया अलर्ट
भारतीय जनता पार्टी के विधायक प्रहलाद लोधी को विधानसभा से सदस्यता खत्म करने के मामले के बाद विपक्षी दल भाजपा अलर्ट हो गई है। उसने अपने विधायकों को पत्र लिखकर अपने ऊपर चल रहे आपराधिक प्रकरणों की जानकारी मांगी है। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने एक पत्र अपने सभी विधायकों को लिखा है। गोपाल भार्गव ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रदेश सरकार के 11 माह के कार्यकाल में विभिन्न स्तर पर भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच गए हैं, किसान परेशान हैं, अतिवृष्टि और बाढ़ से कई जिलों में किसानों की खरीफ की फसलें चौपट हो चुकी हैं, लेकिन किसानों को अब तक सरकार की ओर से मुआवजा राशि नुकसान के अनुपात में नहीं मिल पाई है।

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