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क्राइम

आपकी चाय में मिलाया जा रहा नशा, जानिए कैसे

आप अगर होटल या ढाबे पर खाना खाते हैं या चाय पीना पसंद करते हैं तो सावधान हो जाएं।

Jan 13, 2016 / 08:55 am

Sarad Asthana

मुजफ्फरनगर। आप अगर होटल या ढाबे पर खाना खाते हैं या चाय पीना पसंद करते हैं तो सावधान हो जाएं। आपके खाने में नशा मिलाया जा रहा है। ये नशा ऐसा है कि एक बार अगर आप इसका स्वाद चख लेंगे तो बार—बार उसी जगह पर आएंगे। कुछ तस्कर इस तरह के नशे को होटलों या ढाबों में सप्लार्इ करते हैं। इसे लेने के बाद अाप ड्रग एडिक्ट हो जाते हैं। पुलिस द्वारा पकड़े गए नशे के कारोबारियों ने इसका खुलासा किया ​है कि उनके द्वारा सप्लाई किया जाने वाला नशा होटलों में लोगों को खाने में और अलग से सेवन के लिए ​दिया जाता है।

मथुरा जीआरपी इंस्पेक्टर पंकज लवानिया ने बताया कि उनकी टीम ने ट्रेन में चेकिंग के दौरान दो युवकों को 15 किलो डोडा—पोस्त के साथ गिरफ्तार किया। प्लेटफॉर्म नंबर दो पर पकड़े गए इन युवकों की उम्र 22 और 25 साल है। दोनों अपने शौक पूरे करने के लिए नशे के कारोबार में आ गए। मुजफ्फरनगर निवासी शिवम और शामली के करने वाले अंकुर चौधरी ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वे मध्यप्रदेश के मंदसौर से डोडा खरीदकर लाते थे और हरियाणा के अंबाला, पानीपत के साथ ही यूपी के शामली में सप्लाई करते थे।

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होटलों और ढाबे में सप्लाई करते हैं डोडा

पंकज लवानिया ने बताया कि इस डोडे को वह इन इलाकों के होटल और ढाबा संचालकों को सप्लाई करते थे, जिसे खाने और चाय में मिलाकर ग्राहकों को दिया जाता था। बता दें कि, अगर आप एक बार डोडा मिला हुआ खाना खा लें या चाय पी लें तो आप उसके आदी हो जाते हैं। उसके बाद आपको किसी अन्य जगह की चाय पसंद नहीं आएगी। डोडे का इस्तेमाल हाईवे पर चलने वाले ट्रकों के ड्राइवर भी नशे के लिए करते हैं। 

तीन लाख रुपये हैं एक किलो डोडा की कीमत

पुलिस के अनुसार, सामान्य डोडे की कीमत पांच हजार रुपए प्रति किलो होती है, लेकिन शिवम और अंकुर के पास अच्छी क्वालिटी का डोडा बरामद किया गया है। इंटरनेशनल मार्केट में इसकी कीमत तीन लाख रुपए तक है। यानी कि बरामद किए गए डोडे की कीमत 45 लाख रुपए तक है।

क्या होता है डोडा

भारत में पोस्ते की फसल उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में बोई जाती है। पोस्त की खेती एवं व्यापार करने के लिए सरकार के आबकारी विभाग से अनुमति लेनी आवश्यक है। पोस्त के पौधे से अफीम निकलती है। इसके फूल सफेद, लाल, बैंगनी और पीले जैसे विभिन्न रंगों के होते हैं। इसी पौधे के फल को डोडा कहते हैं, ये चिकना और अंडाकार होता है। कच्चे डोडे पर तेज चाकू से धारियां बनाने पर, एक दूधिया पदार्थ निकलता है जो सूखकर गाढ़ा होने पर खुरच लिया जाता है। यही अफीम है। पोस्त के सूखे फल के छिलके को डोडा कहते हैं।


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