डब्ल्यूडब्ल्यूई में भारतीय रेसलर के रूप में पहचान बनाने वाले ग्रेट खली ने प्रोफेशनल रेसलिंग से विदा लेने के बाद भारत में रेसलिंग एकेडमी की स्थापना की और कॉन्टिनेंटल रेसलिंग एंटरटेनमेंट (सीडब्ल्यूई) के जरिये रेसलिंग का प्लेटफार्म मुहैया करा रहे हैं।
इस एकेडमी में रेसलिंग के दांव पेंच सीखने वाले कमलानगर, भेल निवासी २५ वर्षीय आवेश दिव्य ने अपने दमखम से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अमेरिकन रेसलर शॉन हरनाङ्क्षडस और क्रिस रेबर की टीम को एक बार नहीं बल्कि दो बार महज १० से १२ मिनट में चित कर दिया। इस टैग टीम मैच में आवेश का साथ निभाया हरियाणा के एक अन्य रेसलर दिनेश कुमार ने। तरकीबन एक लाख से अधिक दर्शकों की मौजूदगी में आवेश और दिनेश की टीम ने प्रतिद्वंद्वियों को चित किया।
हारने के बाद फिर दिया चैलेंज
आवेश ने बताया कि चार जुलाई को हिमाचल प्रदेश के मंडी में सीडब्ल्यूई के लाइव शो में उनकी टैग टीम का मुकाबला शॉन हरनाङ्क्षडस और क्रिस रेबर की टीम से हुआ। इस मैच में आवेश की टीम विजयी रही, पर शॉन और क्रिस ने एक बार फिर दोनों को लडऩे के लिए चैलेंज किया।
आवेश ने इसे स्वीकार किया और सात जुलाई को हिमाचल प्रदेश के सोलन में हुए लाइव मैच में एक बार फिर आवेश और दिनेश कुमार की टीम ने दोनों को चित कर दिया। आवेश ने बताया कि हरियाणा में सितंबर महीने में चार लाइव शो में वो विदेशी रेसलर से दो-दो हाथ करेंगे। आवेश ने रेसलिंग कॅरियर में पहली बार विदेशी रेसलर्स को पटकनी दी है।
सपना साकार करने की ओर बढ़ाए कदम
शान माइकल और ट्रिपल एच को अपना आदर्श मानने वाले आवेश बचपन से ही प्रोफेशनल रेसलिंग में कॅरियर बनाने का सपना संजोए हुए थे, पर देश में प्रोफेशनल रेसलिंग को लेकर कुछ बरस पहले तक कोई खास स्कोप नहीं था। रेसलर ग्रेट खली ने जुलाई २०१५ में जालांधर के नजदीक कंगनीवाल गांव में सीडब्ल्यूई एकेडमी खोली तो आवेश तभी से इस एकेडमी में शामिल होने के प्रयास में जुट गए। अगस्त २०१६ में आवेश को एकेडमी बतौर स्टूडेंट एंट्री मिली और उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से न केवल खुद को साबित किया, बल्कि सौ से अधिक मुकाबलों में हिस्सेदारी कर ७० में जीत हासिल की। इस दौरान उन्होंने सीडब्लयूई में बतौर जनरल मैनेजर भी काम किया। आवेश का सपना डब्ल्यूडब्ल्यूई में भारतीय रेसलर के रूप में भागीदारी करने का है।
प्रदेश में बढ़ रहा रेसलिंग का क्रेज
जालांधर स्थित सीडब्यूई एकेडमी में फिलहाल तीन सौ से अधिक युवा खली एवं विदेशी कोच से प्रोफेशनल रेसलिंग की बारीरियां सीख रहे हैं। इनमें मध्यप्रदेश के अलग-अलग शहरों से ३० से अधिक रेसलर शामिल हैं। सीडब्ल्यूई में इन्हीं स्टूडेंट्स में से रेसलर तैयार किए जाते हैं, जो इनकी ओर से रिंग में उतरते हैं। फिलहाल आवेश इस टीम के महत्वपूर्ण रेसलर हैं।
भोपाल-इंदौर में शो की तैयारी
आवेश के मुताबिक सीडब्ल्यूई हरियाणा, हिमाचल प्रदेश एवं राजस्थान में लाइव शो आयोजित कर चुका है। मध्यप्रदेश में भी इस तरह के शो किए जाना हैं, इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं। इसी संबंध में कुछ महीने पहले ग्रेट खली के साथ आवेश ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से मुलाकात की थी। आवेश के मुताबिक ग्रेट खली के कारण देश में प्रोफेशनल रेसलिंग का अच्छा महौल तैयार हुआ है और रेसलर को बेहतर विकल्प मिल रहे हैं।