वर्ष नव, संकल्प नव: नवीनता का प्रतीक है हिंदू नव संवत्सर
विक्रम संवत पर आधारित हिंदू नववर्ष नवीनता का प्रतीक है। चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा यानी 22 मार्च से हिंदू नव संवत्सर या नया संवत शुरू हो रहा है। इसे संवत्सरारंभ, युगादी, गुडीपडवा आदि नामों से भी जानते हैं। चैत्र माह में प्रकृति में चारों ओर उत्साह और सौंदर्य प्रदर्शित होता है। बसंत ऋतु के आगमन के लिए संपूर्ण प्रकृति नए साल का स्वागत को तैयार प्रतीत होती है। यह आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत पवित्र दिवस होता है।
भोपाल. विक्रम संवत पर आधारित हिंदू नववर्ष नवीनता का प्रतीक है। चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा यानी 22 मार्च से हिंदू नव संवत्सर या नया संवत शुरू हो रहा है। इसे संवत्सरारंभ, युगादी, गुडीपडवा आदि नामों से भी जानते हैं। चैत्र माह में प्रकृति में चारों ओर उत्साह और सौंदर्य प्रदर्शित होता है। बसंत ऋतु के आगमन के लिए संपूर्ण प्रकृति नए साल का स्वागत को तैयार प्रतीत होती है। यह आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत पवित्र दिवस होता है।
1.बेटियों की सुरक्षा
नवरात्र के नौ दिन शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की आराधना के लिए विशेष शुभ होते हैं। इसीलिए दुर्गा उत्सव समिति व्यापारी संघ गोविंद गार्डन समेत कई संगठन बेटियों की शिक्षा की मदद के लिए कन्या पूजन के दौरान जरूरी शिक्षण सामग्री प्रदान करेंगे।
2.पर्यावरण संरक्षण
गर्मियों में पशु-पक्षियों को पानी मिले इसके लिए जगह-जगह कुंड और सकोरे रखे जाएंगे। प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम होगा। सेवा संकल्प युवा संगठन 21 स्थानों पर सीमेंट के कुंड रखेगा। गायत्री शक्तिपीठ पौधों का वितरण करेगी।
3.शिक्षा में मदद
नवरात्र में कन्यापूजन के दौरान बेटियों को वस्त्र, शिक्षण सामग्री के साथ बेटियों को गोद लेकर उन्हें 11 हजार रुपए की स्कालरशिप प्रदान की जाएगी। गरीब बेटियों को शिक्षण सामग्री का वितरण किया जाएगा।
4.भारतीय संस्कृति की रक्षा
संस्कृति बचाओ मंच शहर के प्रमुख चौक चौराहों पर राहगीरों को कलावा बांधकर, तिलक लगाकर नए साल की शुभकामना देगा। भारतीय संस्कृति के संबंध में जानकारी दी जाएगी। मंच वैष्णोधाम मंदिर परिसर में गुरुकुल की स्थापना करेगा।
5.समाज निर्माण का संकल्प
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार नववर्ष के अवसर पर ब्रह्मा जी ने इस ब्रह्मांड का निर्माण किया था। इसलिए नववर्ष के उपलक्ष्य पर कई संगठन समाज निर्माण के लिए नए सेवा प्रकल्पों की शुरुआत करेंगे।
6. सटीक खगोलीय गणना पर कार्य
नव संवत्सर पूर्ण रूप से वैज्ञानिक आधार पर काल की गणना करता है। यह विभिन खगोलीय घटनाओं की सटीक एवं प्रामाणिक जानकारी मुहैया करवाता है। इसलिए वैज्ञानिक संगठन सटीक खगोलीय गणना के महत्व को बताने का काम करेंगे।
7.नवीन आदतों को अपनाने का संकल्प
इस अवसर पर सभी नक्षत्र अपने आदर्श स्वरुप में होते हैं। ऐसे में नववर्ष के अवसर पर सभी प्रकार की नवीन आदतोंनवीन आदतों को अपनाने का संकल्प लेंगे और लोगों को इसके लिए प्रेरित करेंगे।
8.शुभ कार्य की शुरुआत
यह दिवस भारतीय समाज में नवीनता का दिवस है। इसलिए नववर्ष पर विभिन प्रकार के पूजा-पाठ एवं धार्मिक अनुष्ठान के बाद नववर्ष के लिए नवीन संकल्प लेते हुए नए कार्यों का शुभारंभ करेंगे।
9. नि:सहाय लोगों की सेवा
हिन्दू नववर्ष के अवसर पर रिश्तेदारों, परिचितों को शुभकामना संदेश भेजते हुए छत पर पताका एवं ध्वजारोहण कर। चिकित्सालय, रक्तदान, गौसेवा एवं अन्य नि:सहाय लोगों की सेवा का संकल्प लेगें।
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