सदन की समिति ने उसे अपने समक्ष पेश होने का एक और मौका देते हुए अब 23 अक्टूबर को 11 बजे तलब किया है। अभिजीत ने न केवल कोर्णाक मंदिर पर अभद्र टिप्पणी की, बल्कि ओडिशा के विधायकों को भी बुद्धू कहा था। उसके खिलाफ कोर्णाक थाने में केस दर्ज कराया गया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने जान का खतरा बताते हुए स्टे पाने को सुप्रीमकोर्ट तक दौड़ लगाई, पर सुप्रीमकोर्ट ने भी साफ कह दिया कि उसकी जगह तो जेल में है।
अय्यर ने विधानसभा समिति को दो ई-मेल भेजी। इनमें कहा गया कि वह सदन के सदस्यों के लिए अपनी टिप्पणी के लिए माफी चाहता है। समझा जाता है कि तितली चक्रवात के चलते उसने न पहुंचने का बहाना बना लिया। अभिजीत की टिप्पणी को लेकर ओडिशा के राजनीतिक दलों में भारी रोष है। नेता विपक्ष नरसिंह मिश्र अभिजीत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन समिति के अध्यक्ष हैं।
सदन की समिति के सभी सदस्य सुबह 11 बजे उपस्थित हुए। उन्हें लगता था कि अय्यर आएगा। यह मामला सदस्यों के विशेषाधिकार का भी बनता है। उसे बीते हफ्ते पूछताछ के लिए पुलिस ने बुलाया था पर वह कोर्णाक थाने नहीं पहुंचा। उसने जान को खतरा बताकर सुरक्षा मांगी थी। अभिजीत अय्यर पर कोर्णाक मंदिर व जगन्नाथ मंदिर पर अपमानजनक टिप्पणी को लेकर दो एफआईआर है। वह बीजेडी से सांसद रहे बैजयंत पंडा के मित्र हैं।