जगन्नाथ महाप्रभु की मूर्ति के साथ रोड शो, बूढ़ी मां के हाथ का खाना
टीवी डिबेट के बीजेपी के इस सुपर स्टार ने चुनाव मैदान में उतरते ही सुर्खियां बटोरनी शुरू कर दीं। पहली बार 27 मार्च को पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ की छोटी सी मूर्ति हाथों में लेकर रोड शो को निकल पड़े। बोले, इन्हीं के आशीर्वाद से लड़ रहा हूं। चुनाव आयोग तक शिकायत गई। इससे पहले वह आलोचना के केंद्र में तब आ गए जब उन्होंने एक गरीब परिवार के साथ बैठकर चूल्हे में बना भोजन किया। एक कौर खुद खाते थे, उसी थाली से एक कौर परिवार की बूढ़ी मां को खिलाते थे। यह वीडियो वायरल हुआ, तो विपक्ष ने उज्ज्वला योजना की ओडिशा में सफलता पर सवाल खड़े किए कि केंद्र सरकार घर-घर एलपीजी सिलेंडर का दावा कर रही है और बीजेपी का प्रत्याशी ऐसे घर में खा रहा है, जहां गैस ही नहीं है। गांव की महिलाएं आज भी धुएं में खाना पकाती हैं। संबित ओएनजीसी के निदेशक पद पर भी हैं। मीडिया ने इस घर की स्टोरी की, तो पता चला सिलेंडर है, पर बूढ़ी मां चूल्हे पर ही पकाती हैं। संबित पुरी में कभी धोती और गेरुआ कुर्ता पहने घूमते दिख जाते हैं, तो खोरदा में नदी या तालाब में गमछा लपेटे देखे जाते हैं। आसपास किसी वोटर के घर खाना भी खा लेते हैं। यही नहीं कभी वह किसी बूढ़ी मां के चरणों में साष्टांग प्रणाम करते दिख जाते हैं।
ऐसे होती है दिन की शुरुआत
संबित की शुरुआत चाकुली (डोसा की तरह दिखने वाला ओडिया खाद्य पदार्थ) और घुगुनी (मटर) से होती है, तो कहीं पखाल भात खाते दिख जाते हैं। चूड़ा के साथ केला भी खाते हैं। वह कहते हैं कि गरीब परिवार से हूं। शौच के लिए बाहर भी जाता रहा हूं। वह कहते हैं कि प्रचार के लिए गांव में ही रहना है। वहीं की दिनचर्या के अनुसार चलना है। वह सोशल मीडिया में शेयर करना नहीं भूलते। नाश्ता-खाना सबकुछ जनता के साथ करता हूं। उनका कहना है कि क्षेत्र के रहने वालों के दुख-सुख जानना किसी भी प्रत्याशी का परमकर्तव्य है। चुनाव अभियान का अर्थ ही यही होता है। ओडिशा के जाजपुर जिला के रहने वाले संबित कहते हैं कि जो पुरी का प्रतिनिधित्व 15 साल से कर रहे हैं, वह 15 बार क्षेत्र में नहीं आए होंगे। सोशल मीडिया पर सक्रियता पर संबित पात्रा कह भी चुके हैं कि यह सशक्त माध्यम है। राज्य का युवा स्मार्ट है।