scriptप्रमोदिनी की लव स्टोरी के आगे फीकी है ‘छपाक’! | 'Chhapak' has dul in front of Pramodini's love story | Patrika News
भुवनेश्वर

प्रमोदिनी की लव स्टोरी के आगे फीकी है ‘छपाक’!

Chhapak: तब वह सिर्फ 16 साल की थी, इंटर में पढ़ती थी। अद्र्धसैनिक बल के कैंप का जवान उस पर मर मिटा था। जबकि प्रमोदिनी राउल उसे बिलकुल पसंद नहीं करती थी (Pramodini did not like her at all)। उसने भी ठान ली थी कि तुम मेरी नहीं होगी तो किसी की नहीं होने दूंगा (If you are not mine i will not let anyone be)। एक दिन उसने मोटर साइकिल से अपने किसी दोस्त के साथ आकर अचानक प्रमोदिनी को तेजाब से नहला दिया (Gave Pramodini an acid attack).

भुवनेश्वरJan 10, 2020 / 07:34 pm

arun Kumar

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16 साल में अद्र्धसैनिक बल के जवान ने फेंका था तेजाब

भुवनेश्वर

उका क्या गुनाह था जो तेजाब से उसका चेहरा जला दिया गया था। तब वह सिर्फ 16 साल की थी, इंटर में पढ़ती थी। अद्र्धसैनिक बल के कैंप का जवान उस पर मर मिटा था। जबकि प्रमोदिनी राउल उसे बिलकुल पसंद नहीं करती थी। उसने भी ठान ली थी कि तुम मेरी नहीं होगी तो किसी की नहीं होने दूंगा। एक दिन उसने मोटर साइकिल से अपने किसी दोस्त के साथ आकर अचानक प्रमोदिनी को तेजाब से नहला दिया। चंद मिनट में उस तेजाबी ‘छपाकÓ ने सपने स्याह कर दिए। आखिर वह भी तो सुंदर दिखना चाहती थी, नृत्य और खेल के अपने शौक पूरा करना चाहती थी…।

हमले मेंं जाती रही आंखों की रोशनी

 

प्रमोदिनी की लव स्टोरी के आगे फीकी है 'छपाक'!
यह घटना 2009 की है। प्रमोदिनी की एक आंख तेजाबी हमले में जाती रही। दूसरी आंख में भी ऑपरेशन के बाद भी 19 प्रतिशत ही रोशनी रह गई है। अब वह अपने जीवन साथी सरोज साहू की आंखों से देखती है। विवाह के लिए फौजी का प्रस्ताव ठुकराने की सजा भुगत रही जगतसिंह पुर की प्रमोदिनी की जिंदगी उसे बोझ लगने लगी थी मगर सरोज के साथ ने उसे हौंसला दिया। मगर फिर भी उस मंजर को याद कर वह सिहर जाती है।
काश! वह सरोज का ख्याल रख पाती

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तेजाबी हमले के बाद इलाज के दौरान प्रमोदिनी के प्रेमी से पति बना सरोज साहू हालांकि उसका पूरा ख्याल रखता है उसकी पत्नी प्रमोदिनी को यह दर्द साल रहा है कि वह कुछ काम करके चार पैसे कमाकर सहयोग दे। वह कहती है कि शीरोज कैफे के खुलने की उम्मीद है जहां काम मिलेगा। उसके अपने सहारे टूटते जा रहे हैं। ले देकर सरोज बचा है। सामाजिक कार्यकर्ता शुभाश्री दास जब तब उसकी हौसलाअफजाई करती हैं।
मां उसे रानी कहकर पुकारती थी

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इस घटना के बाद उसकी मां भी चल बसीं जो उसे प्यार से रानी के नाम से पुकारती थी। एससीबी में इलाज के दौरान सरोज साहू की नर्स दोस्त ने प्रमोदिनी के विषय में बताया तो सरोज का दिल पिघल गया। घर वालों के कड़े विरोध के बाद भी वह उसका इलाज कराता रहा। ये दोस्ती कब प्यार में बदल गयी और फिर विवाह में पता ही नहीं चल सका। इनकी इंगेजमेंट लखनऊ के शीरोज कैफे में ही हुई थी।
सरोज मेरा वैलेंटाइन है

प्रमोदिनी कहती है कि इकतरफा प्यार के जुनून ने उसकी यह हालत कर दी। एफआईआर के बाद जांच शुरू हुई तो उसे आरोपी से उसे धमकियां मिलीं। बाद में वर्ष 2017 में आरोपी गिरफ्तार हुआ और जेल में है। सरोज ने मुझे नयी जिंदगी दी। वह कहती है कि उसे प्यार से नफरत नहीं है। वैलेंटाइन डे लाइक करने की वजह सरोज है। वही उसका वैलेंटाइन है। वह कहती है कि उसने तो सोचा भी नहीं था कि सरोज के रूप में प्यार एक दिन उसकी दहलीज पर खड़ा मिलेगा। प्रमोदिनी का सरोज कुमार साहू मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव है।
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