मंहंगा सम्मेलन में नहीं जुटी भीड़
राउत से मिलने वालों में सबसे पहले पूर्व सांसद बैजयंत जय पंडा थे। दोनों के बीच वार्ता में क्षेत्रीय दल बनाने की बात सामने आई थी। मंगलवार को राउत ने कटक जिले के मंहंगा ब्लाक में समर्थकों का सम्मेलन बुलाया था। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी के इशारे पर स्थानीय नेताओं ने दामोदर के सम्मेलन में शिरकत करके संदेश तो दिया, पर इससे दामोदर की कलई खुल गई। उनके इने-गिने समर्थक ही आए।
कांग्रेस के दफ्तर पहुंच दी बापू को श्रद्धांजलि
बीजेपी को लगता था कि राउत और उनके समर्थकों के संगठन तालमेल करके कोस्टल (तटवर्ती) क्षेत्र की 70 विधानसभा सीटों में से कुछ में दामोदर फैक्टर के चलते बीजू जनता दल को नुकसान पहुंच सकता है। महंगा सम्मेलन का अनुभव बीजेपी के लिए बहुत सुखद नहीं रहा। शायद यह बात दामोदर राउत भी समझ चुके हैं। तभी वह गांधी को श्रृद्धांजलि देने के लिए भुवनेश्वर में कांग्रेस के दफ्तर पहुंच गए।
दोनों नावों पर सवार राउत
राजनीतिक क्षेत्र में खबर है कि दामोदर राउत बीजू विचार मंच को पुनर्गठित करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही नावों पर सवार हैं। दामोदर के साथ जुड़ने के लिए जिन तीन नामों की ओडिशा के राजनीतिक हल्कों में चर्चा थी, उनमें से विजय महापात्र, दिलीप राय और बैजयंत जय पंडा जुड़ सकते हैं। दामोदर राउत भी अपना पुराना संगठन बीजू विचार मंच को पुनर्जीवित कर सकते हैं। विवादित बयानों और नवीन के खिलाफ राजनीतिक स्टैंड के चलते तीनों नेता अब तक स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं बोल रहे हैं।
यह कहते हुए झाड़ लिया पल्ला
भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि मंहंगा सम्मेलन में बैजयंतपंडा को जाना था पर ऐन मौके पर शिरकत करने से उन्होंने इंकार कर दिया। पंडा के सलाहकारों ने उनसे कहा कि अभी कोई निर्णय लेना जल्बबाजी होगी। दूसरी तरफ बीजेपी के लिए दामोदर का दांव उल्टा पड़ने पर पंडा बीजेपी की टिकट पर केंद्रपाड़ा लोकसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। यह पता चला है कि बीजेपी विधायक दिलीप राय ने तो उनसे नयी पार्टी संचालन के लिए आर्थिक स्थिति पर सवाल उठाया। विजय महापात्र ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि अभी कोई फैसला लेने का वक्त नहीं आया।