पहले हुए पार्टी से निलंबित फिर छोडी सदस्यता
याचिका कर्ता समरेंद्र बेउरिया के वकील सुदर्शन मेनन ने बताया कि पंडा के इस्तीफे के बाद केंद्रपाड़ा में उपचुनाव को लेकर चुप्पी क्यों है। उपचुनाव की तारीख अब तक घोषित कर दी जानी चाहिए। बैजयंत पंडा ने यह सीट बीजू जनता दल के टिकट पर सन 2014 के आम चुनाव में जीती थी। बीजद ने पंडा को 24 जनवरी 2018 को पार्टी अध्यक्ष ने सदस्यता से निलंबित कर दिया था। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप था। इसके बाद 28 मई को पंडा ने बीजद की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया।
छ महिने में हो जाने चाहिए उपचुनाव
इस प्रकार पंडा की लोकसभा सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उनका लोकसभा सदस्यता से त्यागपत्र जुलाई में स्वीकार किया था। परंपरा के अनुसार यदि परिस्थितियां अनुकूल हैं तो उपचुनाव छह माह में हो जाना चाहिए। याचिका कर्ता का कहना है कि चुनाव आयोग उपचुनाव समय से पहले कराने को प्रतिबद्ध है फिर भी विलंब किया जा रहा है। चुनाव विलंबित नहीं रखा जा सकता है।
किस पार्टी में जाएगे पंडा,लगाई जा रही है अटकलें
बैजयंत पंडा के लोकसभा सदस्य के पद से इस्तीफा देने के बाद से सीयासी महकमे में यह बात चर्चा का विषय बनी हुई है कि अब पंडा का रूख किस पार्टी की ओर रहने वाला है। बीच में पंडा के बीजेपी नेताओं के साथ मुलाकात करने के बाद यह अटकलें लगाई जाने लगी कि पंडा बीजेपी का दामन थामेंगे। इस पर पंडा ने कहा था कि उनके लिए सभी विकल्प खुले है।