हिंसा के विरोध में माओ हिंसा की संभावना के मद्देनजर भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। बंद के समर्थन में माओवादियों ने हाथ से लिखे पोस्टर चिपकाए थे जिन्हें सुरक्षा बलों ने हटा दिए। ग्रामीण इलाकों में गश्त तेज कर दी गई है।
मलकानगिरि में पुलिस मुखबिर होने के शक में ग्रामीणों की हत्या की घटना आए दिन प्रकाश में आती रहती हैं। मलकानगिरि जिला छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा से लगा हुआ होने के चलते माओवादी गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है। पुलिस के अनुसार अक्सर माओवादी घटना को अंजाम देकर मलकानगिरि में शरण पा लेते है। माओवादियों के बंद के आह्वान के कारण यातायात पूरे जिले में ठप रहा। खासकर दूर दराज क्षेत्रों में तो सरकारी और निजी क्षेत्र के भी वाहनों का आवागमन रोक दिया गया। जिला प्रशासन ने एहतियातन सख्त कदम उठाए ताकि हिंसा की कोई घटना न हो। सुरक्षा बलों से चाक चौबंद रहने को कहा गया है।
बंद के दौरान बाजार और सड़क पर सन्नाटा रहा। आंध्र-ओडिशा बार्डर स्पेशल जोन कमेटी सीपीआई (माओवादी) ने बंद का आह्वान किया था। यह बंद माओवादी मीना, का 12 अक्टूबर को तथा सुशील व सुलिता के 5 नवंबर को हुए एनकाउंटर के विरोध में था। मकानगिरि में माओहिंसा के विरोध में भी पोस्टर लगाए गए।