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भुवनेश्वर

आज फिर मिली खुशियों की गलियां, घर आए हैं हमारे जग्गा कलिया

सुखद क्षण: पिता का सपना हुआ पूरा, बच्चों को मिला नया जीवन। कंधमाल से कटक तक रेलवे स्टेशन पर जग्गा-कलिया को देखने उमड़ी भीड़।

भुवनेश्वरSep 08, 2019 / 01:12 am

satyendra porwal

घर आए हैं हमारे जग्गा कलिया

घर आए हैं हमारे जग्गा कलिया

दोनों बच्चे करीब दो साल पहले जुड़वा सिर के साथ गए थे दिल्ली। सफल ऑपरेशन के बाद नया जीवन लेकर अलग-अलग लेकिन साथ आए दोनों। दो जुड़े सिर की देश की सबसे दुर्लभ सफल सर्जरी।

(भुवनेश्वर). इंतजार की वो घडिय़ां उस समय पूरी हो गई, जब दिल्ली से चलकर राजधानी एक्सप्रेस ओडिशा के कटक रेलवे स्टेशन पर आकर ठहरी। इस ट्रेन के विशेष कम्पार्टमेन्ट में हर दिल की धड़कन जग्गा व कलिया जो यहां आए थे। पूरी कटक सिटी के लोग इन बच्चों को देखने के लिए रेलवे स्टेशन पर उमड़ पड़े। भारत यूं ही विश्व में सिरमौर नहीं है, चिकित्सा जगत में अपनी सफलतम साख व बेहतर इलाज के बदौलत भारत ने फिर एक बार साबित कर दिया है कि यहां चाह है तो राह भी है। ऐसी सफल सर्जरी विश्व के कई देशों में तो अभी मुमकिन ही नहीं है।


दो वर्ष पूर्व दिल्ली एम्स में गए थे

जग्गा और कलिया जुड़वे सिर के साथ करीब दो वर्ष पूर्व दिल्ली एम्स में गए थे ,वहां कई चरणों में सफल सर्जरी के बाद अलग-अलग सिर के साथ स्वस्थ यहां लौटे हैं। रेलवे स्टेशन से उन्हें कटक के एससीबी मेडिकल कालेज लाया गया। आपरेशन से दोनों के जुड़े सिर अलग करके एम्स के डाक्टरों ने शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण व दुर्लभ उपलब्धि हासिल की है।

चार साल पहले हुआ था जन्म
दोनों बच्चों का कंधमाल जिले में 9 अप्रेल 2015 को जन्म हुआ था। इस वर्ष अप्रैल में उन्होंनें चौथा बर्थ डे मनाया। दोनों ही बच्चों का जीवन अब खतरे से बाहर हैं। डा.ए.के. महापात्रा की टीम ने दो बड़ी और चार-पांच छोटी सफल सर्जरी की है। दोनों के सिर 25 अक्टूबर 2017 को सर्जरी से अलग किए गए थे। इसे देश की सबसे दुर्लभ सफल सर्जरी माना जा रहा है। राजधानी एक्सप्रेस के विशेष कम्पार्टमेंट में शनिवार को दोनों बच्चे कटक स्टेशन पहुंचे।

आधा दर्जन चिकित्सक सहित 11 सदस्यों की टीम भी आई

जग्गा-कलिया के साथ 11 सदस्यों की टीम भी आई है। इनमें 6 चिकित्सक हैं। दिल्ली स्थित ओडिशा निवास के कर्मचारी भी साथ हैं। दोनों बच्चों के कटक स्थित एससीबी मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर उनके लिए न्यूरोसर्जरी विभाग में आइसीयू व्यवस्था के साथ विशेष कैबिन तैयार किया गया है। उनमें उन्हें रखा गया है। उन पर हर समय नजर रखने के लिए 16 सदस्यीय विशेषज्ञ टीम गठित की गई है। जरूरत पडऩे पर अधिक विशेषज्ञों को टीम में शामिल किया जा सकता है।

कटक रेलवे स्टेशन पर पहुंचे लोग
दोनों भाइयों के कटक रेलवे स्टेशन पहुंचने पर उन्हें देखने भीड़ उमड़ पड़ी। रेलवे स्टेशन पर बच्चों की मां पुष्पांजलि ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, राज्य सरकार व एम्स के डॉक्टरों का दिल से आभार व्यक्त किया। पिता भुयान कन्हार का कहना है कि आज का दिन देखने के लिए वे बेताब थे।

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