सूत्र बताते हैं कि श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन इन सेवायतों के खिलाफ कठोर कार्रवाई पर विचार कर रहा है। यह लोगों की आस्था से जुड़ा सवाल है। कहा जाता है कि ब्रह्म परिवर्तन में पहली बार इतना विलंब और फोटो वायरल किया गया। सूत्र बताते हैं कि इस प्रकरण पर तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी जिसकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। श्रीमंदिर प्रशासन के पूर्व चीफ सुरेश महापात्र ने सितंबर में रिपोर्ट सौंपी थी। जिन 11 पर कार्रवाई होनी है उनमें से दस दइतापति हैं। इनमें दो पहले से निलंबित हैं। कार्रवाई श्रीमंदिर प्रशासन अधिनियम की धारा 21 (बी) के तहत की जाएगी।
श्रीमंदिर मुख्य प्रशासक प्रदीप्तो महापात्र ने बताया कि ब्रह्म परिवर्तन की गोपनीयता भंग करने के मामले में 10 से 15 सेवायत दोषी पाए गए हैं। जांच पड़ताल के बाद यह पता चला है। उन्होने बताया कि ब्रह्मपरिवर्तन की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जा सकती। यह बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है।
मालूम हो कि 15 जून 2015 को ब्रह्मपरिवर्तन के दौरान आपसी मतभेद के चलते विलंब हुआ था। महाप्रभु जगन्नाथ के सर्वाधिक गोपनीय अनुष्ठान ब्रह्मपरिवर्तन की विशेष तैयारियां की गई थी। इस दौरान सभी सीसीटीवी कैमरे हटा दिए गए थे। बिजली भी बंद कर दी गई थी। इस प्रकरण पर लापरवाही को लेकर बीजेपी ने राज्यव्यापी आंदोलन चलाया था।