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भुवनेश्वर

सतकोसिया में रॉयल बंगाल टाइगर को मिलेगी संगिनी

टाइगर रिजर्व सतकोसिया में मध्य प्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क से लाए गए रॉयल बंगाल टाइगर का अकेलापन दूर करने के लिए मादा टाइगर भी मध्यप्रदेश के माधौ टाइगर रिजर्व से लाई गई है

भुवनेश्वरJun 28, 2018 / 06:08 pm

Shailesh pandey

tiger

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(महेश शर्मा की रिपोर्ट)
भुवनेश्वर। ओडिशा के अनुगूल जिले के टाइगर रिजर्व सतकोसिया में मध्य प्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क से लाए गए रॉयल बंगाल टाइगर का अकेलापन दूर करने के लिए मादा टाइगर भी मध्यप्रदेश के माधौ टाइगर रिजर्व से लाई गई है। सतकोसिया टाइगर रिजर्व में फिलहाल दो ही टाइगर हैं जिनकी आयु 14 साल की हो चुकी है। टाइगर की घटती संख्या के कारण वन विभाग टाइगर रिजर्व को प्रजनन केंद्र की तरह विकसित कर रहा है। मध्य प्रदेश सरकार टाइगर के दो और जोड़े ओडिशा को देगा। यह भारत में टाइगर का अंतर राज्य स्थानांतरण का पहला कार्यक्रम है।


विशेष बाडा बनाया


वन विभाग की दो दर्जन से अधिक सदस्यों की टीम और पशु चिकित्सक मादा टाइगर को विशेष वाहन में लेकर अनुगुल पहुंच चुकी हैं। मादा टाइगर को ट्रैंक्युलाइजर करके लाया जा रहा है। मादा टाइगर के लिए विशेष बाड़ा बनाया गया है। ताकि वह कान्हा नेशनल पार्क से लाए टाइगर के साथ ढल सके। कान्हा नेशनल पार्क से लाए टाइगर को रायगेढा के निकट दो हैक्टेयर के बाडे में रखा गया है। हालांकि शुरुआत में उसका मन नहीं लगा था और उसने दो दिन तक खाना भी नहीं खाया था लेकिन अब वह यहां के वातावरण के अनुकूल ढलने लगा है। इस टाइगर के जीपीएस तथा ट्रेकर लगाया गया है।


सुंदरी है नाम मादा टाइगर का

 

वन विभाग के सूत्रों के अनुसार जब इस जोड़े की मैटिंग हो जाएगी तो जंगल में छोड़ दिया जाएगा। हालांकि सतकोसिया रिजर्व में छह से सात साल की मादा टाइगर भी है लेकिन कान्हा से लाए टाइगर के लिए युवा मादा टाइगर का इंतजार करने का फैसला किया गया। इस 27 माह की मादा टाइगर का नाम सुंदरी रखा गया है। यह सुंदरी एक पूर्ण व्यस्क मादा टाइगर के तीन बच्चों में से एक है। यह मादा बाघ छोटे पेड़ों पर भी चढ़ सकती है।

 

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