पश्चिम ओडिशा बार एसोसिएशन की सेंट्रल एक्शन कमेटी के आह्वान पर दो दिवसीय बंद का दूसरे दिन भी व्यापक असर देखकर ऐसा लग रहा है कि हाईकोर्ट की बेंच स्थापना वहां की महती जरूरत है। नरसिंह मिश्रा ने कहा कि हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग कोई नई नहीं है पर इस मांग की सदैव उपेक्षा की जाती रही। जानकारी के अनुसार संबलपुर, देवगढ़, झारसुगुडा, सोनपुर व सुंदरगढ़ जिलों में बंद का व्यापक प्रभाव दिखाई दिया। दूसरी तरफ कालाहांडी, बरगढ़, बलंगीर, नुआपाड़ा के बार एसोसिएशनों ने बंद में भाग नहीं लिया। बलंगीर में हाईकोर्ट की बेंच की स्थापना की इनकी मांग है।
बंद के दौरान सड़क और रेल यातायात पूरी तरह ठप रहा। इस रूट पर चलने वाली ट्रेनें भी रोक दी गई थी। इन जिलों से गुजरने वाली ट्रेनों का आवागमन प्रभावित रहा। कुछ के रूट बदलकर काम चलाया गया। वकीलों ने रेलों का आवागमन रोक दिया। 48 घंटे के वकीलों के पश्चिम ओडिशा बंद के कारण बिलासपुर टिटिलागढ़ पैसेंजर, मुंबई एलटीटी और कई ट्रेनें प्रभावित हुई। गुरुवार को बिलासपुर से संबलपुर के लिए चलने वाली टिटिलागढ़ पैसेंजर को रायगढ़ में ही खड़ा कर दिया गया। इसके बाद यात्रियों ने आगे का सफर इतवारी-टाटा पैसेंजर के माध्यम से किया। इसी तरह इस रूट की अन्य ट्रेनें भी प्रभावित रही। रेलवे ने इस आंदोलन के कारण होने वाली परेशानी की जानकारी किसी भी तरह से यात्रियों को नहीं दी थी। इस कारण यात्रियों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ा।