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भुवनेश्वर

मलकानगिरि:माओवादियों से निपटने को आदिवासियों ने लिया निहत्थी जंग का फैसला

मुदुलीगुडा पंचायत के आदिवासियों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पंचायत के गांवों को भविष्य में सभी जनकल्याण की योजनाओं का लाभ गांव वालों को दिया जाएगा। यहां के लोग बीमार लोगों को अपने चारपाई में कंधों पर लेकर अस्पताल तक जाते हैं। बच्चों के लिए स्कूल नहीं हैं। यह सब माओवादियों की धमकियों व सुविधाओं के अभाव दोनों के ही कारण हो रहा है…

भुवनेश्वरJun 29, 2019 / 10:00 pm

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Tribals

माओवादियों के खिलाफ आदिवासियों का प्रदर्शन।

(भुवनेश्वर,महेश शर्मा): ओडिशा के सबसे ज्यादा माओवादी प्रभावित जिले मलकानगिरि ने माओवादियों के खिलाफ कमर कस ली है। जिला और विशेषकर आदिवासी क्षेत्र चित्रकोंडा व इससे जुड़ी पंचायतों में विकास कार्य ठप करने की माओवादियों से आए दिन मिल रही चुनौतियों से निपटने के लिए आदिवासी समुदाय के लोग एकजुट हो गए हैं। आदिवासियों का कहना है कि हिंसक माओवादियों से उनकी अहिंसक जंग होगी। विकास के लिए वह सुरक्षा बलों और शासन प्रशासन के साथ कदमताल को तैयार हैं। क्षेत्र की उपेक्षा के लिए जिला कलक्टर से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक को घेरने में वे पीछे नहीं हटेंगे।

 

शनिवार को जिले के कटआफ एरिया खैरापुर तहसील में सैकड़ों आदिवासियों ने हिंसा से लोकतंत्र का रास्ता तलाशने वाले माओवादियों के खिलाफ निहत्थी जंग का ऐलान किया है। आदिवासियों का कहना है कि विकास कार्यों से जुड़े प्रोजेक्टों की दूरदराज क्षेत्रों में वह रक्षा करेंगे। माओवादियों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों का साथ देंगे। आदिवासियों ने कटआफ एरिया में विकास कार्य कराने की मांग की। मालूम हो कि पहले किसी प्रोजेक्ट की साइट पर तोड़फोड़ आगजनी हत्या जैसी घटनाएं माओवादी करके फरार हो जाते थे। यदि कहीं एनकाउंटर या पकड़धकड़ हो जाए तो ये गांव वालों को पुलिस का इनफार्मर बताकर दिनदहाड़े सबके सामने प्रजा अदालत लगाकर मौत की सजा सुना दिया करते थे।

 

जानकारी के अनुसार खैरापुर तहसील के 25 गांवों के सैकड़ों आदिवासियों ने प्रजा मेलि (पब्लिक मीटिंग) आयोजित करके क्षेत्र के विकास को लेकर चर्चा की और निर्णय लिया कि विकास कार्यों में वे लोग शासन प्रशासन का सहयोग करेंगे। उनका कहना है कि तमाम योजनाओं का लाभ उन तक पहुंच ही नहीं पाता। पंचायत आफिस 60 किलोमीटर दूरी पर होने वे लोग पहुंच भी नहीं पाते हैं। ब्लाक आफिस तो उससे भी 20 किलोमीटर दूरी पर है। मुदुलीगुडा पंचायत के आदिवासियों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पंचायत के गांवों को भविष्य में सभी जनकल्याण की योजनाओं का लाभ गांव वालों को दिया जाएगा। यहां के लोग बीमार लोगों को अपने चारपाई में कंधों पर लेकर अस्पताल तक जाते हैं। बच्चों के लिए स्कूल नहीं हैं। यह सब माओवादियों की धमकियों व सुविधाओं के अभाव दोनों के ही कारण हो रहा है। आदिवासियों ने कहा कि अपनी मांगों को मनवाने के लिए जिला कलक्टर आफिस का घिराव करेंगे। मुदुलीगुडा में पंचायत आफिस बीते 15 सालों से है। यहां के अधिकारी व कर्मचारी बहरे गूंगे हैं। उनकी कोई बात नहीं सुनते। आदिवासियों ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का आवास घेरने की भी धमकी दी।

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