पेगड़ापल्ली पोटाकेबिन की लगातार आ रही शिकायत के बाद इसकी हकीकत जानने गुरुवार को पत्रकारों का दल जब पेगड़ापल्ली पोटाकेबिन आवासीय विद्यालय पहुंचा तो अधीक्षक चिडिय़म वेंकटेश्वर संस्था से हमेशा की तरह नदारद थे। संस्था में मौजूद अनुदेशकों से पूछने पर उन्होंने बीजापुर जाने की बात कही। इसके बाद परिसर और पहली से आठवीं तक की कक्षाओं को देखा गया तो बच्चे स्वयं ही पढ़ाई करते मिले।
प्यून होने के बावजूद स्कूल समय में दो बच्चों सुमीत गावड़े व यालम प्रभास से झाड़ू लगवाकर कचरा उठवाया जा रहा था। जबकि संस्था के तीन छात्र गंदगी के चलते बीमार होकर सोये हुए थे। इन्हें तबतक दवा भी नहीं दी गई थी। कुछ दिनों पहले ही पोटा केबिन के अधीक्षक की गैर मौजूदगी के चलते उन्हें तहसीलदार भोपालपट्नम द्वारा स्पष्टीकरण भी थमाया गया था। बावजूद वे संस्था व बच्चों के प्रति गंभीर नहीं हुए है।
इतना ही नहीं अनुदेशको से जब बच्चों की उपस्थिति कितनी है पूछने पर तीन सौ होना बताया।जबकि वास्तव में 176 बच्चें ही संस्था में उपस्थित थे।विदित हो कि जिले भर में जिन आदिवासी बच्चों के सुनहरे भविष्य को उज्जवल करने के उद्देश्य से यह पोटा केबिन आवासीय विद्यालय की बुनियाद रखी गई थी।वतर्मान में उन बच्चों के नाम पर सम्बंधित संस्थाओं के अधीक्षक महज चांदी काट रहे है। ऐसा माना जा रहा है कि सालों से एक ही जगह पर जमे अधीक्षकों को बदलना प्रशासन के लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं है।