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बीजापुर

नौकरी से रिटायर होते ही भुला विभाग, पेंशन की खातिर दर दर की ठोकरे खा रहा वनकर्मी

वन रक्षक सिंह बहादुर लामा को रिटायर हुए आठ महीने बीतने को हैं लेकिन वन विभाग की लापरवाही (Forest department negligence) के कारण उन्हें अब तक पेंशन सुविधा नहीं मिल पायी है

बीजापुरJun 13, 2019 / 07:34 pm

Karunakant Chaubey

chhattisgarh forest department

नौकरी से रिटायर होते ही भुला विभाग, पेंशन की खातिर दर दर की ठोकरे खा रहा वनकर्मी

दंतेवाड़ा. वन रक्षक पद से रिटायर होने के 8 माह बाद भी बुजुर्ग सिंह बहादुर लामा को पेंशन मिलना शुरू नहीं हुआ है। दंतेवाड़ा वनमंडल में पदस्थ रहकर अक्टूबर 2018 में रिटायर होकर लामा अपने घर आड़ावाल जगदलपुर लौट गए, लेकिन पेंशन के लिए उन्हें आए दिन दंतेवाड़ा के कोषालय और वनमंडल दफ्तर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। विभागीय लापरवाही के कारण (Forest department negligence) उनकी पेंशन की फाइल कोषालय में अटकी हुई है।

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वनमंडल की लिपिक अर्चना के मुताबिक सारा प्रकरण तैयार कर कोषालय भेजा जा चुका है। लामा उन कर्मचारियों में शामिल हैं, जो दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के तौर पर कार्यरत रहकर वर्ष 2008 में नियमित हुए थे। आकस्मिक कार्यभारित निधि से कार्यरत ऐसे कर्मियों का प्रकरण नियमानुसार एरर रेक्टिफिकेशन मॉड्यूल ईआरएम में अपलोड कर कोषालय को भेजा जा चुका है।
औपचारिकता के फेर में हो रही देरी

इस मामले में जिला कोषालय अधिकारी प्रदीप मार्कण्डेय का कहना है कि वो फाइल संयुक्त संचालक के कार्यालय भेज चुके हैं। आकस्मिक कार्यभारित निधि से कार्यरत होने की वजह (Forest department negligence) से कर्मचारी का पेंशन शुरू होने से पहले वेरिफिकेशन और कुछ अन्य औपचारिकता बाकी है। इसके बाद ऑनलाइन भुगतान शुरू हो जाएगा।

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