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बीजापुर

आदिवासी युवकों को खेल कूद के नाम पर गोपनीय सैनिक बना रही है कांग्रेस-माओवादी

वही दूसरी ओर ग्राम पंचायत मारूढ़बाका के दो लोगों द्वारा उनकी पार्टी और ग्रामीणों को धोखा देकर नोटबंदी के दौरान धोखा देकर 10 लाख 10 हजार रूपयों का करेंसी अदला-बदली के नाम पर इनके संगठन से पैसा लेकर बीजापुर फरार होने का आरोप लगाया है।

बीजापुरMay 14, 2019 / 04:13 pm

Deepak Sahu

bijapur naxali

आदिवासी युवकों को खेल कूद के नाम पर गोपनीय सैनिक बना रही है कांग्रेस-माओवादी

बीजापुर. माओवादियों के पामेड़ एरिया कमेटी द्वारा प्रेस नोट जारी कर वर्तमान कांग्रेस सरकार पर भाजपा सरकार की तरह दमनकारी योजनाएं चलाने का आरोप लगाया है। साथ ही आदिवासी युवकों को खेलकूद के नाम पर तथा हाट-बाजारों में भाषण और लालच देकर पुलिस द्वारा गोपनीय सैनिक तैयार करने का भी आरोप लगाया है।

वही दूसरी ओर ग्राम पंचायत मारूढ़बाका के दो लोगों द्वारा उनकी पार्टी और ग्रामीणों को धोखा देकर नोटबंदी के दौरान धोखा देकर 10 लाख 10 हजार रूपयों का करेंसी अदला-बदली के नाम पर इनके संगठन से पैसा लेकर बीजापुर फरार होने का आरोप लगाया है। वही माओवादियों ने इन दिनों पर मारूढ़बाका पंचायत के राशन दुकान से गरीबों का चावल की हेराफेरी करने का आरोप लगाते हुए इन्हें संभलने का फरमान जारी किया है।
वही यह धमकी भी दी है कि जो भी लोग बेगुनाह लोगों के साथ मारपीट या उन्हें प्रताडि़त करेंगे उन्हें मौत की सजा दी जाएगी। वही दूसरी ओर 27 अप्रैल को पामेड़ के तोंगगुड़ा में हुए नक्सली हमले में दो जवानों की हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि पामेड़ इलाके के कंवरगट्टा, करकानगुड़ा, डुवालीकरका में ग्रामीणों और उनके कार्यकर्ताओं की हत्या व झूठे केसों में फंसाकर ग्रामीणों को जेल भेजने और उन्हें प्रताडि़त करने के जबाव में उनके पीएलजीए द्वारा इस हमले को अंजाम दिया गया है।
इसके अलावा माओवादियों का कहना है कि तोंगगुड़ा हमले के दौरान अचानक ग्रामीणों की एक गाड़ी दोनों ओर की गोलाबार के बीच फंस गई, जिसकी जद में आकर एक ग्रामीण की मौत हो गई।
इस हमले के दौरान ग्रामीण के बचाने की काफी कोशिश की गई , बावजूद फायरिंग की जद में आकर उसकी मौत हो गई। माओवादियों ने मारे गए ग्रामीण को क्रांतिकारी परिवार का पुत्र बताते हुए कहा है कि वह दुष्मन नहीं बल्कि क्रांतिकारी परिवार था और वह दुष्मन को खत्म करने के दौरान अपनी जान से हाथ धो बैठा।
माओवादियों द्वारा जारी प्रेस नोट में उन्होंने कहा है कि सरकार के साजिष के प्रभाव के चलते मारूढ़बाका के भंडारी नागा और उसके भाई तिरूपति ने ग्रामीणों और उनकी पार्टी के साथ छल किया है। उनका कहना है कि भंडारी नागा और तिरूपति को नोटबंदी के दौरान नोट अदला-बदली के लिए माओवादियों के द्वारा दस लाख रूपए और ग्रामीणों ने दस हजार रूपए दिए थे।
जिसे लेकर दोनों भाई बीजापुर फरार हो गए और आज तक वह राशि उन्हें प्राप्त नहीं हुई है। जिसके चलते माओवादियों ने दोनों भाईयों को चेतावनी पत्र जारी किया है।

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