जारी नक्सली पर्चे के अनुसार प्रचार सप्ताह के दौरान सभा, सम्मेलन, रैलियों और आमसभाओं के माध्यम से क्रांतिकारी दमन योजना ‘समाधान’ के खिलाफ प्रचार कर संगठनों को मजबूत कर विस्तार करने व बस्तरिया बटालयिन ओर आदिवासी बटालयिन में भर्ती का बहिष्कार भी किया।
इसके अलावा पुजारी कांकेर, आइपेंटा, तिममेम, कसनुर, गुमियाबेड़ा में हुई मुठभेड़ों को फर्जी बताया। नक्सलियों ने जारी पर्चे में सामाजिक कार्यकर्ताओं, लेखकों, पत्रकारों, कलाकारों, मानव अधिकार संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हुए हमलों और हत्याओं का भी विरोध किया।
नक्सलियों ने बड़े बांध व खदानों को बंद करने की बात कही है..
इससे पहले नक्सलियों ने बैनर-पोस्टर जहां लगाए गये थे। वहां से सीआरपीएफ कैम्प की दूरी मजह 3 किमी है। नक्सलियों ने बड़े बांध व खदानों को बंद करने की बात कही है। साथ ही जल, जंगल और जमीन बचाने जनताना सरकार को मजबूत व विस्तार देने की बात कही है। ये बैनर-पोस्टर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की ओर से जारी किए गए थे। पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेकर सर्च ऑपरेशन में जुटी है।