घटना 6 अगस्त की बताई जा रही है। इस घटना की जानकारी जिला पंचायत सदस्य कमलेश कारम ने सूचना दी है। घटना की जानकारी पाते ही पुलिस की टीम भी इस मामले पर खोजबीन में लग गई है। ज्ञात हो कि बीजापुर जिले में ही कुछ दिनों पहले भी पामेड़ के पोटाकेबिन में एक छात्र की मौत हो गई थी।
बीजापुर जिले सहित अन्य जिलों में भी पोटाकेबिन व आश्रमों के जिम्मेदारों की लापरवाही से कई ऐसे मामले सामने आते रहते हैं। फिर भी प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं देता है, आंखें मूंदे बैठा हुआ है। दुगईगुड़ा के पोटाकेबिन में हुई करंट की चपेट में आकर बच्चे की मौत के बाद पोटाकेबिन अधीक्षक भी फिर वहीं गलती करने से नहीं चुक रहा है।
बीजापुर जिले के जिपं सदस्य कमलेश कारम को जब इस घटना की जानकारी हुई तब वह इसकी सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर घटना की छानबीन में जुट गई है। पोटाकेबिन के अधीक्षक ने बच्चे की मौत को एक दुर्घटना बता कर मामले को दबाने की कोशिश में था। वहीं जिपं सदस्य ने मानवता दिखाते बच्चे के साथ हुई इस घटना का खुलासा किया है।
घटना के बाद यह भी बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने प्रशासन को तत्काल मामले को संज्ञान में लेकर जांच कर अधीक्षक को निलंबित करने व मृत छात्र के परिजन को मुआवजा राशि देने की मांग की है। लीपापोती के इस खेल को खत्म कर आश्रम और पोटाकेबिन में छात्रों की मौत पर से जिम्मेदार हर दफे बचते आ रहे हैं जिससे उनका हौंसला और भी बुलंद होता जा रहा है। इस संबंध में कांग्रेस ने भी जिला प्रशासन और जिम्मेदार विभाग से यह मांग की है कि तत्काल आरोपी अधीक्षक पर कार्रवाई हो। यह भी कहा कि कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन करने बाध्य होगा। ऐसा नहीं होने पर कांग्रेसी ग्रामीणों के साथ कलक्टर कार्यालय का घेराव कर संबंधित अधीक्षक और विभाग पर एफआईआर की मांग करने मजबूर होगा।