आइजी विवेकानंद ने बताया कि सूचना मिली थी कि माओवादी बस्तर के बीजापुर इलाके कांडलापर्ती इलाके में पहंचे हैं। तुरंत ऑपरेशन लांच किया गया और एसटीएफ और डीआरजी के जवानों को 15 अक्टूबर को अभियान में निकले। 48 घंटे तक जंगलों की खाक झानते हुए 17 अक्टूबर को जैसे ही जवान कांडलापर्ती के जंगलों के करीब पहुंचे तो यहां दूर से ही जवानों को माओवादियों का अस्थाई कैंप नजर आ गया। धीरे धीरे वे कार्रवाई के लिए आगे बढऩे लगे। लेकिन इसी दौरान माओवादियों ने उन्हें देख लिया और फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने भी मोर्चा संभाला और जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। संख्या में कम होने के बावजूद भी जवानों ने अपना दम दिखाया और माओवादियों को अपना कैंप में सामान छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया।
मौके से मिले चुनाव बाहिष्कार पॉम्पलेट
आइजी विवेकानंद ने बताया कि माओवादियों के भागने के बाद जब जवानों ने मौका सर्चिंग की तो वहां से चुनाव बाहिष्कार का पॉम्पलेट व बैनर भी मिले हैं। किसी भी गड़बड़ी को रोकने पुलिस तैयार हैं।
बरामद सामान में हथियार बनाने के सामान भी
जवानों ने माओवादियों के अस्थाई कैंप से हथियार बनाने की मशीन, भारी मात्रा में औजार, आरी, पलाश, बट, डेटोनेटर, स्क्रू ड्राइवर, इलेक्ट्रीक टूल्स, आइइडी, वायर, गन पाउडर समेत अन्य दैनिक उपयोग की सामाग्री बरामद की गई।