बताया जा रहा है कि पुजारी आमिर चंद्र करीब 20 साल से इस गांव में रहा था। हालांकि, बीच में वो गांव छोड़कर चला गया और 2004 में अपने कोटद्वार से फिर कमलापुर वापस आ गया। दो साल बाद 2006 में गांव का ही रहने वाला महेश नामक एक शख्स के खेत में उसने मंदिर बनवाया था। इसके बाद से वो लगातार उसकी देखभाल कर रहा था। लेकिन, शनिवार सुबह गांव के लोग जैसे ही मंदिर में पूजा करने पहुंचे तो उन्हें पुजारी की लाश खून से सनी मिली। ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। इदर, सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई और पुजारी की डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फिलहाल, डॉग स्क्वैड के जरिए पुलिस कातिल की तलाश में जुट गई।
नशेड़ियों का अड्डा था मंदिर वहीं, जब पत्रिका की टीम ने इस मामले में ग्रामीणों से बात की तो काफी शॉकिंग खुलासा हुआ। लोगों का कहना था कि पुजारी ने इस काली मंदिर को नशेड़ियों का अड्डा बना दिया था। वो खुद भी तरह-तरह का नशा करता और लोगों को बुला-बुला कर उनसे नशा करवाता था। ये सिलसिला पिछले कई सालों से चलता आ रहा था। ग्रामीणों के मुताबिक, ये हत्या नशा के कारण ही हुआ है। वहीं, हत्या के बाद सीट बिजनौर के सीओ गजेंदर पाल सिंह ने मौके पर पहुंचकर मंदिर और आस- पास के खेतों में घूमकर जायजा लिया है। इस दौरान उन्होंने गांव के कई लोगों से बात भी की। उनका कहना था कि पुलिस हत्या की जांच में जुट गई है और जल्द से कातिल को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।