scriptविक्लांगता और पिता की मौत के बाद भी नहीं डिगा हौसला, राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का बना सद्स्य | Son of Bijnor Rudra selected in National handicaped cricket team | Patrika News
बिजनोर

विक्लांगता और पिता की मौत के बाद भी नहीं डिगा हौसला, राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का बना सद्स्य

बिजनौर के छोटे से गांव के गुरुदेव का चयन नेशनल क्रिकेट टीम में चयन होने पर मिल रही बधाइयां

बिजनोरNov 10, 2018 / 06:13 pm

Iftekhar

Ridra

विक्लांगता और पिता की मौत के बाद भी नहीं डिगा हौसला, राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का बना सद्स्य

बिजनौर. जनपद के छोटे से गांव भागूवाला में दिव्यांग गुरुदेव ने अपने हुनर के बलबूते बिजनौर वासियों का सिर फख्र से ऊंचा कर दिया है । यह मकाम गुरुदेव ने ऐसे वक्त में हासिल है, जब पिता का साया पहले ही सिर से उठ चुका था। असमय पिता की मौत के कारण परिवार को गरीबी ने अपनी चपेट में ले लिया था। अकेली बूढ़ी मां के सहारे खुद विकलांग होने के कारण परिवार भी आर्थिक तंगी से जूझ रहा था।

यह भी पढ़ेंः पत्नी के लिए बनाए गए ताजमहल में ही दफ्न किए गए बुलंदशहर के ‘शाहजहां’

दरअसल, नजीबाबाद के छोटे से गांव भागूवाला में एक खुले आसमान के नीचे लावारिस मैदान में बच्चों के साथ क्रिकेट खेलने वाले गुरुदेव को क्रिकेट का जनून सिर चढ़ा कि गांव के लोकल क्रिकेट टीम में ऑलराउंडर की भूमिका अदा करने लगा । देखते ही देखते उसके खेल की चर्चा जिले से बाहर भी होने लगी । जिसके हुनर को उत्तर प्रदेश दिव्यांग स्पोर्ट एसोसिएशन मेरठ की टीम ने परखकर आगे बढ़ाया । फिर क्या था, दिव्यांग गुरुदेव ने दिव्यांगों की दो नेशनल प्रतियोगिताओं में भाग लेकर 14 विकेट ले लिए । एक प्रतियोगिता के दौरान दो ओवर में ही 4 खिलाड़ियों को आउट कर सभी को हैरान कर दिया।

यह भी पढ़ेंः बेरोजगारों के लिए आई बड़ी खुशखबरी: अब हर युवा को यहां मिलेगी नौकरी

दिव्यांगों की वर्ल्ड कप टीम के लिए हैदराबाद में 8 दिन तक चली चयन प्रक्रिया में भाग लेकर अपने हुनर के बलबूते गुरुदेव का चयन दिव्यांग नेशनल टीम में हो गया है । यानी अब वह भारत की ओर से क्रिकेट खेलेगा । गौरतलब है कि इस टीम की कप्तानी मेरठ के दिव्यांग कप्तान कमल सैनी करेंगे ।

जब चाय की दुकान में घुसा ट्र्क तो दिखा ऐसा नजारा कि सहम गए लोग

गुरुदेव का चयन नेशनल टीम में होने पर गांव वालों ने भी अपने लाल का जोरदार स्वागत किया। दिव्यांग नेशनल टीम में शामिल होने पर बिजनौर वासी भी उसके घर पहुंचकर बधाइयां दे रहे हैं । महज 23 साल की उम्र में ही अपने हुनर का लोहा मनवाने वाले गुरुदेव को फिलहाल बिजनौर जनपद के लोग सलाम कर रहे हैं ।

Home / Bijnor / विक्लांगता और पिता की मौत के बाद भी नहीं डिगा हौसला, राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का बना सद्स्य

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो