खान महाघूसकांड: मुख्य दलाल सेठी अब भी मेल पर ले रहा सरकारी सूचनाएं पौधों व फसलों को कीटों से बचाने के लिए कीटनाशक रसायनों का उपयोग होता है। इनके उपयोग के लिए अब तक उन्नत यंत्र नहीं होने से काफी मात्रा में ये पौधे, फल और स्वास्थ्य को सीधे असर डाल रहे हैं। कीटनाशकों के बढ़ते उपयोग से दुनियाभर चिकित्सक और पर्यावरणविद् भी चिंतित हैं। अमरीका, जापान, ब्रिटेन, रूस जैसे विकसित राष्ट्र स्पे्र के लिए अल्ट्रा सेंसर सिस्टम का उपयोग करने लगे। अब इनसे भी कहीं ज्यादा उन्नत तकनीक का उपयोग हमारे देश के किसान कर सकेंगे।
उदयपुर में दिव्यांग दिखाएंगे तैराकी का जलवा, होगी नेशनल पैरालिम्पिक स्विमिंग चैम्पियनशिप इसलिए है पहली और उन्नत मशीन कीटनाशक दवा के निर्धारण से स्प्रे शुरू होने तक पूरी प्रक्रिया मात्र 0.18 सेकंड में शुरू हो जाएगी। विश्वविद्यालय के दावे के अनुसार यह गति दुनिया के किसी देश के स्प्रिंग यंत्र में नहीं है। यंत्र से छिड़का गया कीटनाशक सिर्फ कीटों को नुकसान पहुंचाएगा। बेतरतीब छिड़काव बंद होने से पौधे और वातावरण को होने वाला नुकसान घट जाएगा।
ऐसे कार्य करेगा यंत्र में लगा अल्ट्रासेंस खेत या बाग के अनुसार दवा को निर्धारित कर लेगा माइक्रो कंट्रोलर बिलपौधे के लिए जरूरी कीटनाश की रिपोर्ट दे देगा मशीन पर लगे नोजल पौधे की आकृति के अनुसार कीटनाशक छोड़ेंगे
स्पेशल पम्प सिर्फ पौधे पर स्प्रे करेंगे तरल कीटनाशक जमीन व पौधों के बीच खाली स्थानों पर भी नहीं फैलेगा यंत्र पौधे के आकृति का भी ख्याल रखेंगे फसल की छोट-बड़ी आकृति आने पर ऑटोमेटिक स्प्रे और लिक्विड कंट्रोल हो जाएगा
कीटनाशकों का असर होगा काफी कम यह यंत्र देश का पहला और विश्व का सबसे आधुनिकतम है। इसका उपयोग कीटनाशकों का असर 64 प्रतिशत तक घटा देगा, इससे फसलों के साथ मानव जीवन को भी लाभ मिलेगा।
– प्रो. वाईसी भट्ट, प्रोजेक्ट प्रभारी, एमपीयूएटी