इनमें परिसीमन के बाद बनी नई 77 ग्राम पंचायतों में से 74 और गत परिसीमन 2014 के दौरान बनी ग्राम पंचायतों में 14 ग्राम पंचायते शामिल है। जिला परिषद अधिकारियों की माने तो इनमें से करीब 50 ग्राम पंचायतों के भवन निर्माण के लिए भूमि का चयन हो चुका है। जबकि 37 ग्राम पंचायते ऐसी है जिनके भूमि आंवटन की प्रक्रिया चल रही है। भूमि का आंवटन होने के बाद पंचायत कार्यालयों का निर्माण शुरू हो सकेगा।
सामुदायिक भवन में चल रही पंचायत समितिया
जिले की नौ में से दो पंचायत समितियों के स्वयं के भवन नहीं है। स्वयं के भवन नहीं होने पर पंचायत समिति पूगल और बज्जू खालसा वर्तमान में सामुदायिक भवन में चल रही है। दोनों पंचायत समितियों के चुने गए प्रधान, उप प्रधान और पंचायत समिति सदस्यों को सामुदायिक भवन में बैठक कर ही पंचायत समिति क्षेत्र के विकास को लेकर निर्णय करने है। जिला परिषद के अधिशाषी अभियंता यशपाल पूनिया के अनुसार इन दोनो पंचायत समितियों में पंचायत समिति भवनों के लिए भूमि के चिह्निकरण और आंवटन की प्रक्रिया चल रही है।
06 साल बाद भी नहीं मिले भवन
जिले में 14 ग्राम पंचायतें ऐसी है, जिनके अस्तित्व में आने के 06 साल बाद भी स्वयं के भवन नहीं है। जिला परिषद के एक्सईएन यशपाल पूनिया के अनुसार वर्ष 2014 में हुए परिसीमन में जिन 14 ग्राम पंचायतों में अब तक भवन नहीं मिले है, उनमें से 11 ग्राम पंचायतों के भवन निर्माणाधीन है। 03 ग्राम पंचायतों के भवन के लिए अब तक भूमि का आंवटन नहीं हुआ है।
जिले में पंचायत समितियां – 09
भवन बने हुए है – 07
पंचायत समितियों के भवन नहीं – 02
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जिले में ग्राम पंचायते – 367
परिसीमन में नई ग्राम पंचायते बनी – 77
स्वयं के भवन नहीं – 74
पुरानी ग्राम पंचायते जिनके भवन नहीं – 14
कुल पंचायते जिनके भवन नहीं – 88